रायपुर—विधानसभा में नगरीय प्रशासन, वाणिज्य कर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अमर अग्रवाल के विभागों के लिए 2017-18 की बजट अनुदान मांगों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। सभी विभागों की कुल 3549 करोड़ 27 लाख 75 हजार रूपए की अनुदान मांगे सदन में पारित हुई।
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अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा के दौरान अमर अग्रवाल ने बताया कि नगरीय निकायों के लिए महापौर निधि और अध्यक्ष निधि शुरू किया जाएगा। तीन लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगमों में एक करोड़ 50 लाख रूपए और तीन लाख से कम जनसंख्या वाले नगर निगमों में 75 लाख रूपए की महापौर निधि स्थापित की जाएगी।
50 हजार से अधिक जनसंख्या की नगर पालिकाओं में 50 लाख रूपए और उससे कम जनसंख्या वाली नगर पालिकाओं में 25 लाख रूपए की अध्यक्ष निधि होगी। अग्रवाल ने बताया कि दस हजार से अधिक जनसंख्या वाले नगर पंचायतों में 15 लाख और दस हजार से कम जनसंख्या वाले नगर पंचायतों में दस लाख रूपए की अध्यक्ष निधि होगी।
अग्रवाल ने सदन को बताया कि नगरीय निकायों में पार्षदों को वार्डो में जनकल्याणकारी बुनियादी सुविधाओं के लिए पार्षद निधि देने का प्रावधान है। अब महापौर और अध्यक्ष अपनी निधि बनाने का निर्णय लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रदेश के नगर निगमों के महापौरों को कुल 12 करोड़ 75 लाख रूपए की महापौर निधि मिलेगी। नगर पालिका अध्यक्षों को कुल 11 करोड़ 50 लाख रूपए और नगर पंचायत अध्यक्षों को 12 करोड़ 90 लाख रूपए अध्यक्ष निधि मद में दिए जाएंगे। इन पर कुल 37 करोड़ 15 लाख रूपए का व्यय होगा।
अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 79 शहरी क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित 378 सीटों बसों का परिचालन 220 मार्गो पर किया जा रहा है। बहुत जल्द 53 नए मार्गो पर सिटी बसे शुरू की जाएंगी। केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ की क्लस्टर आधारित सिटी बस परियोजना को ‘अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया है।
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अग्रवाल ने वाणिज्य कर आबकारी विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य में शराब के अवैध करोबार पर अंकुश लगाने और कोचिया बंदी के लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि शराब की सामाजिक बुराई जल्द से जल्द खत्म हो। लोगों को शराब सहजता से उपलब्ध ना हो, इसके लिए भी सरकार दृढ़ संकल्पित है। राज्य सरकार ने 11 सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति देश के छह राज्यों की मदिरा नीति का अध्ययन करेगी। रिपोर्ट मिलने के बाद शासन आगामी वर्ष आबकारी नीति पर विचार करेगा।