विद्यार्थी की पत्रकारिता से देश को नई दिशा…गिरीश पंकज

BHASKAR MISHRA
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cg patrakar sangh ke (6)बिलासपुर—गणेश शंकर विद्यार्थी गरीबीे में रहते हुए कम उम्र में ही पत्रकारिता के साथ समाज सेवा का प्रण लिया था। उनकी निर्भीक पत्रकारिता और सत्य पर अडिग रहने की आदत ने सामाजिक सद्भावना के साथ पत्रकारिता को नया आयाम दिया है। यह बातें आईएम भवन में छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ बिलासपुर के कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राधा वल्लभ शारदा ने कही। कार्यक्रम का आयोजन गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्यतिथि पर किया गया था।

             
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                      शारदा बल्लभ ने विद्यार्थी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में विद्यार्थी को अपना आदर्श मानते हैं। देखकर खुशी होती है कि आज के पत्रकार विद्यार्थी के जीवन को पढ़ना और समझना चाहते हैं।

                  वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पंकज ने गणेश शंकर विद्यार्थी और आज की पत्रकारिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें लोकमान्य तिलक, गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे महापुरूषों की पत्रकारिता को अपनाने की जरूरत है। यह लोग साहित्य के साथ पत्रकारिता के माध्यम से देश को दिशा निश्चित करते थे।

                                               वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व अध्यक्ष पादुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजनपीठ सतीश जायसवाल ने गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता पर प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि आज की हिन्दी पत्रकारिता आर.टी.आई. और सोशल मीडिया जैसे तकनीकी कारणों से सूचना के नैसर्गिक अधिकारों पर अतिक्रमण किया है। हम साहित्य और पत्रकारिता परंपरा को भूल रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के परिवेश को काल निर्धारण कर कहा कि आज स्वयं सेवी संस्था देश का नीति निर्धारण में लगी है। समकालीन पत्रकारिता चुप बैठी है।

                वरूण सखा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की पत्रकारिता एवं मीडिया प्रबंधन बाजार वाद के हिसाब से संचालित है। उन्होने बताया कि आम आदमी पत्रकारिता के सरोकार से कोसो दूर है। गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रताप जनता के प्रबंधन से निकलती थी। आज भी पत्रकारिता जन प्रबंधन से प्रताप की तरह निकाली जा रही है।

                 कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के शाहिद अली ने भी गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता पर अपने विचार रखे। शाहिद ने बताया गणेश शंकर विद्यार्थी तत्कालीन सत्ता और पूंजीवाद के सख्त विरोधी थे। देश की राजनीति में जातिवाद को झगड़े का वजह मानते थे। कार्यक्रम में समाजसेवी डाॅ. बद्री जायसवाल ने गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता को महत्वपूर्ण बताया। उन्होने कहा कि उनकेे साथ भगत सिंह ने भी बलवंत सिंह के नाम से पत्रकारिता की थी। उन्होंने सामाजिक सद्भावना के लिए अपनी जान दे दी।

                     छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ बिलासपुर ने पहला गणेश शंकर विद्यार्थी अवार्ड वरूण सखा जी को दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव राजगोस्वामी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन विश्वेश ठाकरे और आभार प्रदर्शन नीरज माखीजा ने किया। 0–

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