विधानसभा में नोंकझोंक …… जब स्पीकर डॉ. महंत को कहना पड़ा – शब्द संभारे बोलिए …..

Shri Mi
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रायपुर।मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य ननकीराम कंवर(Nankiram Kanwar) ने कोरबा(Korba) में खराब सड़कों का मामला उठाया। उन्होंने पूछा कि वर्ष 2015-16, 16-17 ,17-18और 18-19 में सड़क मरम्मत के लिए कहां-कहां किस कार्य के लिए कितनी राशि स्वीकृत की गई  ? उन्होंने कहा कि मंत्री का विभाग में पकड़ नहीं है। इस पर दोनों पक्षों में नोकझोंक भी देखने को मिली। जिसके बाद स्पीकर ने कहा कि कोरबा में सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। इसे जल्द से जल्द सुधारा जाना चाहिए।सीजीवाल डॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करे

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इस पर मंत्री ने सभी सड़कों को सुधारने का भरोसा जताया। इस मामले में शिवरतन शर्मा ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि शिव डहरिया(Shiv Dahariya) ननकीराम कंवर(Nankiram Kanwar) के विभाग में पकड़ की बात कह रहे हैं, लेकिन उनके खुद के विभाग में उनका पकड़ नहीं है। उनके विभाग में गांधीजी का चल रहा है। इस पर शिव डहरिया(Shiv Dahariya) ने कहा कि हर जगह गांधीजी का चलता है, आपको सुबह उठकर गांधीजी को प्रणाम करना चाहिए।

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विधानसभा(Vidhansabha) में प्रश्नकाल के दौरान कुछ ऐसा वाक्या हुआ कि स्पीकर को कहना पड़ा कि ‘शब्द संभारे बोलिए ,शब्द के हाथ ना पांव, एक शब्द कर करे औषधि ,एक शब्द करे घाव’।
दरअसल सदन में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक(Dharamlal Kaushik) ने औद्योगिक शहरों में श्रमिको की मौत का सवाल उठाया। जिसके जवाब में नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया(Shiv Dahariya) ने जवाब दिया। मंत्री ने बताया कि दिसम्बर 2018 से 20 जून 2019 तक 45 मज़दूरों की मौत दुर्घंटना से हुई है।कौशिक ने आरोप लगाया कि जांच मृत्यु के बाद की जा रही है।
लेकिन उससे पहले उद्योगों में सुरक्षा की दृष्टि से, विस्फोटक पदार्थ को रखने की व्यवस्था को लेकर कार्रवाई नहीं की जा रही है। लेकिन मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों का हंगामा कर दिया। अजय चंद्राकर(Ajay Chandrakar) ने शब्दों पर ध्यान देने की बात कही। इस पर मंत्री भडक गए, डहरिया(Shiv Dahariya) ने चंद्राकर से कहा आपसे ज्यादा शालीन शब्दों में बात करता हूं। जिसके बाद स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्पीकर ने सदस्यों से सही शब्दों के चयन का अनुरोध किया।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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