विभागों में नहीं हआ रोस्टर का पालन..कर्मचारी नाराज

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

IMG-20170417-WA0028 IMG20170418221124बिलासपुर—सामान्य प्रशासन मंत्रालय के आदेश का पालन पांच साल बाद भी नहीं किया गया है। ज्यादातर विभागों को आदेश की जानकारी ही नहीं है।  ऐसे में आदेश का पालन होने का सवाल ही नहीं उठता है। जिसके चलते सामान्य और जाति वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों में आक्रोश है। कई कर्मचारियों ने इसे षड़यंत्र बताया है। कर्मचारियों ने सामान्य प्रशासन की वेवसाइट से पांच साल पुराने आदेश की कापी मिलने के बाद कोर्ट जाने का फैसला किया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                                    मालूम हो कि 2012 के बाद सरकार ने एक निर्णय में कुछ जाति वर्ग के आरक्षण प्रतिशत बदलाव किया था। बदलाव के बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी कर बैगलाग पदों में पूर्ववत आरक्षण नियमों के तहत कर्मचारियों को प्रमोट करने का आदेश जारी किया था। बावजूद इसके आदेश का पालन प्रदेश के ज्यादातर विभागों में नहीं हुआ। जबकि सामान्य प्रशासन विभाग ने तात्कालीन आरक्षण के अनुसार पदों पर प्रमोट करने को निर्देश दिया था।

                                                        सामान्य प्रशासन विभाग से जारी 30 अक्टूबर 2012 के आदेशानुसार विभागों में खाली सभी पदों पर 26 नवम्बर 2012 के पहले लागु आरक्षण के अनुसार कर्मचारियों को प्रमोशन देने को कहा था। सभी पदों पर बैकलाग अभियान के तहत भरने को कहा गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन प्रक्रिया का डेमो भी जारी किया । लेकिन ज्यादातर विभागों में ऐसा नहीं किया गया।

                      जानकारी के अनुसार यदि वर्तमान पदों के साथ 26 नवम्बर 2012 से पहले के पदों पर प्रमोशन दिया जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान सामान्य और एससी वर्ग को होगा। बहरहाल आदेश की कापी कुछ जागरूक कर्मचारियों के हाथ लग गयी है। जागरूक कर्मचारियों ने अन्याय के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है। कर्मचारियों के अनुसार पहले आरक्षण कोटे में कटौती की गयी। अब पुराने पदों को नए से मिलाकर प्रमोशन दिया जाता है तो इसका  सीधा नुकसान होना तय है। नुकसान किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।

         कर्मचारियों ने बताया कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है। यदि समय पर पदों पर बैकलाग भर्ती या प्रमोशन दिया जाता तो विवाद स्थिति नहीं होती। फिलहाल यह समझ से परे है कि महत्वपूर्ण आदेश की जानकारी जिम्मेदार लोगों को क्यों नहीं है।

close