भारतीय ज्ञान,विज्ञान के सामने विश्व नतमस्तक

BHASKAR MISHRA
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IMG-20150925-WA0007बिलासपुर–पण्डित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय में मानस में विज्ञान विषय पर आज से 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन शुरू हुआ। कार्यशाला का उद्घाटन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, पुर्नवास, उच्च शिक्षा, मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डे ने किया। इस अवसर पर उन्होने कहा कि रामायण में विज्ञान है तथा इसके बारे में तथ्यपरक जानकारी लोगों तक पहुचाने का काम विद्धानों को करना होगा।

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       विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पाण्डे ने कहा कि रामचरित मानस के उपर बहुत तर्क वितर्क होता है। तुलसीदासजी ने अपनी कल्पना से इस ग्रंथ की रचना की और राम के जीवन चरित्र का वर्णन किया। हमारा देश आजाद हुआ उस कालखण्ड में जो परिस्थितियां थी और जो ज्ञान विज्ञान की किताबें थी। उसके अनुरूप हमारा दृष्टिकोण विकसित हुआ। लेकिन आज इंटरनेट के युग में ज्ञान का विस्तृत भण्डार उपलब्ध है और तर्क वितर्क के आधार पर हम तथ्यों की सही जानकारी हासिल कर सकते है।

                         उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे ग्रंथो में इस बात का उल्लेख है कि देवता भी इस देश में पैदा होने की कामना करते थे और इस बात का वैज्ञानिक आधार भी है। क्योंकि उन्होने विभिन्न देशों का भ्रमण किया है और महसूस किया कि भारत में जीवन जीने के लिए जितनी आसान तरीके वह दुनिया में कहीं नहीं है। प्रकृति भी हमारा भरपूर साथ देती है।

           ज्ञान, विज्ञान, तकनीकी सब में हमारा कोई जवाब नहीं है। प्राचीनकाल से विज्ञान में हम आगे रहे है। रामचरित मानस में अनेक प्रसंगो में इस बात की पुष्टि होती है। उन्होने कहा कि 21वीं सदी के लिए यह संगोष्ठी प्रांसगिक है और इसका विस्तार होना चाहिए। जितना ज्यादा विस्तार होगा लोग इस विषय से परिचित होगें।IMG-20150925-WA0009

                             कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति वंशगोपाल सिंह ने की। उन्होने कहा कि हमारे ग्रंथ तथ्यों पर आधारित है। विज्ञान और ज्ञान के साथ आध्यात्मिकता इनमें समाहित है। संगोष्ठी के माध्यम से अनेक नये विचार उभरकर आएगें जिससे विद्यार्थिंयों को लाभ होगा और रिसर्चं का नया क्षेत्र खुलेगा। संगोष्ठी में प्रतिभागी उन्मुक्त होकर अपनी जिज्ञासायें प्रकट करें और विद्वानजनों से इसका निराकरण करायें।

                                     कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. गौरीदत्त शर्मा, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष और आयोध्या शोध संस्थान से जुड़े योगेन्द्र प्रताप सिंह , विज्ञान भारती नई दिल्ली संस्था से जुड़े एवं रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर के सहायक प्राध्यपक संजय तिवारी ने भी अपने विचार रखे।

                           प्रो. ओएन तिवारी ने संगोष्ठी के उदेश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंम मां सरस्वती और पण्डित सुन्दरलाल शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री डॉ कृष्णमूर्ति बांधी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव दीपक पाण्डे सहित अन्य विश्वविद्यालयों के अधिकारी प्रदेश और अन्य राज्यों से आये हुए मानस मर्मज्ञ प्राध्यापकगण उपस्थित थे।

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