वेटनरी डिप्लोमा कोर्स के लिए बिलासपुर में नया कॉलेज

Chief Editor
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बिलासपुर ।    बिलासपुर में प्रदेश के दूसरे पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय का शुभारंभ गुरूवार को शासकीय पशु प्रजनन प्रक्षेत्र कोनी सरकण्डा में  कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जलसंसाधन, आयाकट, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अब खेती और उससे संबंधित क्षेत्र एक लाभदायक व्यवसाय बन रहा है। इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करने के लिए खेती व पशु पालन को कौशल उन्नयन से जोड़ा जायेगा तथा पशु पालन से संबंधित डिप्लोमा कोर्स प्रारंभ किये जायेंगे। श्री अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में एक-एक वेटनरी काॅलेज खोला जायेगा। जिससे पशु चिकित्सों की कमी दूर की जा सकेगी।
श्री अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि  किसान को समृद्ध बनाने के लिए केवल खेती ही नहीं बल्कि पशु पालन, मुर्गी पालन, उद्यानिकी फसल के क्षेत्र में आगे बढ़ाना होगा। आज के दौर में इन्टीग्रेटेड कृषि से किसान खुशहाल बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोशिश की जायेगी जल्द से जल्द यह महाविद्यालय प्रारंभ हो जाये, ताकि प्रदेश को अच्छे डाक्टर मिले।
खूंटाघाट को अहिरन नदी से जोड़ने सर्वें होगा
श्री अग्रवाल ने कहा कि क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए कोई परेशानी न हो, यह प्रयास करेंगे। अरपा भैंसाझार परियोजना के बनने से  1 लाख से ज्यादा हेक्टेयर में सिंचाई होगी। उन्होंने बताया कि कटघोरा के पास बहने वाले अहिरन नदी से खूंटाघाट जलाशय को जोड़ने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सर्वें करने का निर्देश दिया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष  धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनसंख्या लगभग सवा दो करोड़ की है। लेकिन हमारे प्रदेश में लगभग एक करोड़ 28 लाख पशुधन है जो मनुष्यों की संख्या से आधे हैं। इसके लिए आत्म मंथन करने की आवश्यकता है। चारागाहों में अतिक्रमण होने से दिनोदिन पशुओं के लिए चारे की समस्या बढ़ रही है। जिसके कारण लोगों में पशु पालन के प्रति रूचि भी कम हो रही है। विधानसभा उपाध्यक्ष  बद्रीधर दीवान ने अपने उद्बोधन में महाविद्यालय के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह महाविद्यालय लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरे और पशु पालन में वृद्धि हो। इससे पशुधन को बढ़ावा मिलेगा तथा अच्छे नस्ल के पशु प्राप्त होंगे, साथ ही चारे की समस्या का निराकरण होगा।
स्वागत उद्बोधन में  कामधेनू विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डाॅ. यू.के.मिश्र ने   कहा कि बिलासपुर में वेटनरी काॅलेज खोलने का उद्देश्य यह है कि अंतिम छोर पर बैठे लोगों के आर्थिक उत्थान व महिला सशक्तिकरण के लिए पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा मिले। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में मात्र 35 हजार वेटनरी चिकित्सक है जबकि आवश्यकता 70 हजार से अधिक चिकित्सकों की है। वेटनरी काउन्सिल आॅफ इंडिया का मानना है कि वेटनरी काॅलेजों की संख्या बढ़ाई जाये तथा 60 की जगह 100 छात्रों को प्रवेश दिया जाये। उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय जल्द से जल्द प्रारंभ हो यह प्रयास करेंगे।
इस कार्यक्रम में संसदीय सचिव स्कूल, शिक्षा, आदिम जाति कल्याण विभाग  अम्बेश जांगड़े, कृषि एवं जलसंसाधन विभाग के संसदीय सचिव  तोखन साहू, संभागायुक्त  सोनमणि बोरा, कलेक्टर  अन्बलगन पी., पुलिस अधीक्षक  अभिषेक पाठक, पशु पालन विभाग के संचालक डाॅ. एस.के.पाण्डेय, छ.ग. कामधेनू विश्वविद्यालय के कुल सचिव डाॅ. एन.के.निगम, वेटनरी काॅलेज बिलासपुर के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डाॅ. एस.पी.इंगोले सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, क्षेत्र के नागरिकगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट का उद्घाटन
कृषि,  मंत्री  बृजमोहन अग्रवाल ने सरकण्डा में प्लग टाईप वेजीटेबल सीडलिंग प्रोडक्शन यूनिट का फीता काटकर उद्घाटन किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस यूनिट के द्वारा प्रतिमाह 10 लाख तथा एक वर्ष में एक करोड़ सब्जियों, फल के पौधों की नर्सरी तैयार की जायेगी। इसके द्वारा किसानों को फल-फूल के अच्छे प्रजाति के पौधे उपलब्ध होंगे और उन्हें भटकने की जरूरत नहीं होगी। किसान चाहे तो स्वयं के बीज से ही यहां नर्सरी लगवा सकते हैं।
इस यूनिट से बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, कोरबा और बेमेतरा के किसान लाभान्वित होंगे। ज्ञात हो कि बिलासपुर संभाग में एक लाख 37 हजार 287 हेक्टेयर में सब्जियां उगाई जाती है, जिनसे 15 लाख 96 हजार 389 मेट्रिक टन उत्पादन प्राप्त होता है।

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