वेतन विसंगति दूर किए बिना संविलयन अधूरा, कमलेश्वर ने कहा- फेडरेशन का आंदोलन समय की मांग

Shri Mi
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प्रान्ताध्यक्ष कमलेश्वर सिंह राजपूत,अन्तरिम वरिष्ठता सूची,teachers,school,nes,raipur,chhattisgarh,व्यख्याता(एल बी),संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़,बिलासपुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने 23 साल बाद शिक्षाकर्मीयो का स्कूल शिक्षा विभाग ने संविलयन किया। यह एक साहसिक एवं सराहनीय कदम है। जिसका हम सब आभार व्यक्त करते है। परन्तु वेतन विसंगति को दूर किये बिना एवं भूतलक्षी प्रभाव से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार वेतन पुनरीक्षण नही किये जाने से संविलयन अधूरा है।उक्त बातें छत्तीसगढ़ व्यख्याता(पं/एल बी) संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने कही।कमलेश्वर ने बताया कि फेडरेशन का आंदोलन समय की मांग है। यदि यही दबाव 2013 में बनाये रहते तो आज हमे शासकीय शिक्षको के समान वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के नियम 05 एवम् नियम 07 के तहत समयमान /क्रमोन्नत के आधार पर वेतन पुनरीक्षण का लाभ मिलते रहता और वेतन विसंगति दूर हो जाती परन्तु विसंगति लाल लोगो को अपना हित दिखाई दिया क्योकि वे उस समय पात्र नही थे ।

             
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कमलेश्वर सिंह ने बताया कि सहायक शिक्षक फेडरेशन दुवारा 4 सूत्रीय मांग को लेकर जो आंदोलन किया जा रहा है इससे सरकार पर दबाव बन रहा है और इससे किसी एक वर्ग को फायदा नही होगा बल्कि सभी वर्ग लाभान्वित होंगे। यदि आचार संहिता लगने से पूर्व समानुपातिक वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे तथा भूतलक्षी प्रभाव से समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण कर वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे देने का आदेश हो जाता है तो सभी संघ मिलकर खुले रूप में सम्मेलन कर आभार प्रदर्शन करते है तो किसी को कोई आपत्ति नही होगी।

कमलेश्वर ने बताया कि किसी भी संघ दुवारा मुख्यमन्त्री या सरकार के मंत्रीयो का स्वागत सत्कार करते है वह उनके संघठन का मामला है।परन्तु यह कहना कि यह सम्मेलन 1लाख 80 हजार लोगो की ओर से है कहना गलत है ।जो लोग 14 संघो के प्रमुखो के साथ तालमेल नही बिठा सकते क्या एक लाख अस्सी हजार लोगो का प्रतिनिधित्व कर सकते है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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