वोडाफोन-आईडिया के विलय को मिली मंज़ूरी, एयरटेल को लगा झटका

Shri Mi
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Vodafone Idea Merger, Vodafone, Idea, Telecom Department, Telecom Operator, Mobile Operator,नई दिल्ली-वोडाफोन इंडिया और आईडिया सेल्युलर के बीच विलय को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने मंजूरी दे दी है। दूरसंचार विभाग (डीओटी) की ओर से विलय की अनुमति मिलने के बाद एनसीएलटी ने इसे अपनी मंजूरी प्रदान की है।  इस मंजूरी के बाद प्रस्तावित नाम ‘वोडाफोन आईडिया लिमिटेड’ के साथ यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल सर्विस ऑपरेटर हो हो गई है। इसके साथ ही 15 सालों से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी को झटका लगा है। एयरटेल पहले पायदान से खिसक गया है। कंपनी नंबर 1 का दर्जा खो चुकी है। वोडाफोन-आईडिया ने एक संयुक्त बयान में विलय की खबर पर मुहर लगाई। बयान में दावा किया गया है कि नई कंपनी 40 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों के साथ देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन गई है।वोडाफोन इंडिया और आदित्य बिरला समूह की कंपनी आडिया सेल्युलर ने 20 मार्च 2017 को अपने बहु प्रतीक्षित विलय की घोषणा की थी। आदित्य बिरला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिरला विलय के बाद एकीकृत कंपनी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष होंगे, जबकि वोडाफोन के वर्तमान मुख्य संचालन अधिकारी बालेश शर्मा मुख्य कार्यकारी होंगे।

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बयान के अनुसार, ‘विलय से सालाना 14,000 करोड़ रुपये की आय सृजित होने का अनुमान है।’ कंपनी का शुद्ध कर्ज 30 जून 2018 को 1,09,200 करोड़ रुपये था। इस विलय के साथ दो लाख मोबाइल साइट और करीब 2.35 लाख किलोमीटर फाइबर के साथ 1,850 मेगाहर्ट्ज का व्यापक स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो होगा। इससे ग्राहकों को बातचीत और ब्रॉडबैंड के मामले में पहले से बेहतर सेवा मिल पाएगी।

विलय के बाद आइडिया सेल्यूलर की पेड शेयर कैपिटल बढ़कर 8,735.13 करोड़ रुपये होगी। हसमुख कपानिया आइडिया सेल्यूलर के प्रबंध निदेशक पद से 31 दिसंबर 2018 से हट गए हैं। लेकिन वह नई कंपनी में गैर-कार्यकारी निदेशक होंगे।

वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के ग्राहकों की संख्या करीब 44.3 करोड़ है। वहीं भारती एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 34.4 करोड़ है। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर ने इस बड़े सौदे की घोषणा मार्च 2017 में की थी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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