व्याख्याता संघ ने कहा..मुख्यमंत्री को वापस लेना होगा फरमान..अन्यथा संगठन सड़क की लड़ाई को तैयार

BHASKAR MISHRA
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तखतपुर–( टेकचंद कारड़ा)—-छत्तीसगढ़ व्याख्यता संघ ने कर्मचारियों के आगामी आदेश तक वेतन बृद्धि रोके जाने के सरकारी आदेश का पुरजोर विरोध और नाराजगी जाहिर किया है। व्याख्यता संघ के प्रवक्ता जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि सरकार का निर्णय हैरान कर देने वाला है।
 
                  कर्मचारियों को मितव्ययिता का साधन मानते हुए प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के आगामी 2020 और 2021 के वेतन वृद्धि को विलंबित रखने का आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ व्याख्याता संघ ने सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया है। संघ के प्रवक्ता जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि एक तरफ पूरा प्रदेश और देश कोरोना वायरस के प्रकोप का दंश झेल रहा है। कर्मचारी जान जोखिम में रखकर कोरोना काल में  सेवा दे रहे हैं।  ऐसे में प्रदेश सरकार का कर्मचारियों के वेतन वृद्धि रोकने का आदेश हैरान करने वाला है। 
 
         व्य़ाख्याता संघ के प्रवक्ता जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि सरकार ने पहले डीए रोकने का आदेश जारी किया। इसके बाद एक कदम और आगे बढ़ाते हुए वेतन वृद्धि को भी विलंबित रखने का आदेश जारी कर दिया है। इसका कर्मचारियों के आर्थिक लाभ पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। एक तरफ  महंगाई भत्ता रोकने का आदेश और  दूसरी ओर  दो वेतन वृद्धि रुक जाने से कर्मचारियों को प्रतिमाह आर्थिक नुकसान होगा ही। साथ ही सेवानिवृत्ति और पेंशन के समय भी सभी कर्मचारी अधिकारी को भारी आर्थिक नुकसान  उठाना पड़ेगा। 
 
             जितेन्द्र ने बताया कि  कर्मचारियों को वर्ष भर के सेवा के  आधार पर भत्ता  दिया जाता है। लेकिन सरकार ने इसे मितव्ययिता माना है।  एक तरफ जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए न्याय योजना शुरुआत की है। जिसे लेकर कर्मचारियों में खुशी थी। वही दूसरी तरफवेतन वृद्धि रोकने का फरमान जारी कर कर्मचारियों में घोर निराशा को जन्म दिया है। प्रदेश के सभी कर्मचारी  मुख्यमंत्री के अपील पर अपना एक-एक दिन का वेतन भी दे चुके हैं। जिससे कारण खजाने में करोड़ों रुपए की राशि भी जमा हुई है। 
 
                 जितेन्द्र के अनुसार संघ का मानना है कि हो सकता है प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को  अधिकारियों ने गुमराह किया हो। लेकिन छत्तीसगढ़ व्याख्याता संघ मुख्यमंत्री से अपील करता है कि वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने के आदेश पर पुनर्विचार करते हुए आदेश को वापस ले। संघ के प्रांत अध्यक्ष राकेश शर्मा महामंत्री अभय मिश्रा समेत एमसी राय जितेंद्र शुक्ला अश्वनी मिश्रा वेद प्रकाश शुक्ला रेखा गुल्ला सौरभ सक्सेना मोना हीरा धर अरविंद कौशिक अरविंद चंदेल शैलेश शर्मा रवी दुबे राजकुमार तिवारी नरेंद्र राजपूत श्याम उरांव जनक राम साहू निरंजन पांडे शिव राम कश्यप सुनील कश्यप सहित अन्य ने मुख्यमंत्री से अपील किया है कि वेतन वृद्धि रोकने के आदेश पर पुनर्विचार कर वापस ले अन्यथा कर्मचारी संघ आंदोलन करने को बाध्य होगा

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