शासन को ग्रामीणों की खुली चुनौती…अब पुलिस निगहबानी में जनसुनवाई

BHASKAR MISHRA
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IMG20170221140829बिलासपुर—-घुटकू स्थित फिल कोलवाशरी विस्तार योजना का ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर विरोध किया। ग्रामीणों ने कहा कि गांववासियों की मौत पर ही घुटकू में कोलवाशरी का विस्तार संभव है। 22 फरवरी को होने वाली जनसुनवाई की हमें जरूरत नहीं है। हम खुद कलेक्टर  कार्यालय आकर बता रहे हैं कि हमें कोलवाशरी की जरूरत नहीं है।

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                         दिलीप अग्रवाल की अगुवाई में 13 गांव के पंच सरपंच ग्रामीणों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। सभी जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हमें मूर्ख समझने की प्रशासन कोशिश ना करें। यदि फिल कोलवाशरी को ग्रामीणों पर थोपा गया तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे। विस्तार की बात तो दूर वर्तमान में चल रही कोलवाशरी को भी उखाड़ फेंकेंगे।

                                              22 फरवरी को घुटकू में कोलवाशरी विस्तार पर जनसुनवाई होनी है। लेकिन ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पंच सरपंच और ग्रामीणों ने जनसुनवाई का विरोध किया है। दिलीप अग्रवाल ने बताया कि ग्रामीणों की मौत पर हमें विकास नहीं चाहिए। एक बार पहले भी हम ठगे जा चुके हैं। इस बार जनसुनवाई में किसी की दाल नहीं गलने देंगे। दिलीप ने पत्रकारों को बताया कि फिल कोलवाशरी ने ग्रामीण जनजीवन को रोगी बना दिया है। शासन आंख पर पट्टी बांधकर पूंजीपतियों का साथ दे रहा है। आंख से पट्टी हटाकर शासन कभी ग्रामीणों की जिन्दगी में भी झांके…क्या परेशानी है..पता चल जाएगा।

                     फिल कोलवाशरी के चलते जमीन बंजर हो चुकी है। फसल की पैदावार प्रभावित हुई है। मवेशी ही नहीें बल्कि आम जनजीवन जहरीला पानी पीने को मजबूर है। जलस्तर गिर गया है। हवाओं में कोयला का जहर घुल गया है। बहुत हो गया अब बर्दास्त नहीं किया जाएगा। 13 गांव के सरपंचों ने भी कोलवाशरी का विरोध किया है। इसलिए हमें अपने क्षेत्र में ना तो कोलवाशरी चाहिए और ना ही विस्तार।

                         दिलीप अग्रवाल और सरपंचों ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए शासन ने फिल कंपनी को फायदा पहुंचाने जनसुनवाई का स्थान बदल दिया है। पहले घूटकू गांव के बीच जनसुनवाई होनी थी। लेकिन अब प्रवीण झा के इशारे पर फिल कोलवाशरी के कैम्पस में जनसुनवाई का फैसला किया है। इससे जाहिर होता है कि शासन ने बिना ग्रामीणों की सुने कोलवाशरी विस्तार का फैसला पहले से ही कर लिया है। दिलीप ने बताया कि चूंकि मामला ग्रामीणों की जिन्दगी से जुड़ा है इसलिए जन सुननवाई गांव के बीच होनी चाहिए। जनता बिना किसी दबाव में अपने जीवन का फैसला कर सके। जो कि कोलवाशरी कैम्पस में संभव नहीं है।

                       दिलीप ने प्रशासन को आगाह किया है कि ग्रामीणों के हित के खिलाफ चोरी छिपे किसी भी निर्णय को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। दिलीप और जनप्रतिनिधियों ने इस दौरान जनसुनवाई के खिलाफ शासन को खुली चुनौती भी दी। सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी दिया।

koyla 2सुरक्षा के बीच होगी जनसुनवाई

                     दिलीप अग्रवाल और सरपंचो की चुनौती से परेशान  जिला प्रशासन भारी दबाव में है। कोलवाशरी विस्तार का 13 गांव के सरपंच और पंचो ने विरोध किया है। जिसके कारण जिला प्रशासन ने जनसुनवाई के लिए पूर्व निर्धारित स्थान में परिवर्तन कर दिया है। मालूम हो कि जिला प्रशासन ने घुटकू गांव के बीच जनसुनवाई का फैसला किया था। लेकिन लोगों के लगातार विरोध को देखते हुए गुपचुप तरीके से जनसुनवाई का स्थान बदलकर फिल कोलवाशरी कैम्पस में कर दिया। जैसा कि दिलीप ने बताया।

                                          मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए जनसुनवाई के दौरान पुलिस बल को तैनात किया जाएगा। कयास लगाया जा रहा है कि मौके पर तनाव की स्थिति बन सकती है।

13 से 19 गांव में विरोध

          दिलीप अग्रवाल ने बताया कि कोलवाशरी विस्तार में करीब 19 गांव प्रभावित होंगे। पहले भी कोलवाशरी के चलते ग्रामीणों को विस्थापित किया गया। लेकिन अब हम दुबारा ऐसा नहींं करने वाले हैं। गरीबों को भी जीने का हक है। कोलवाशरी विस्तार से भाड़म, जोंगी, लोखण्डी, घुटकू,हांपा,लमेर, सेन्दरी, सकरी, जोंकी, निरतु, तुर्काडीह समेत कई गांव प्रभावित होंगे। सड़क बिजली पानी के नाम पर लोगों को बहकाया जा रहा है। यह काम सरकार का है ना कि कोलवाशरी का। यदि यह सब कोलवाशरी को ही करना है तो हमें अादिम युग में जीना मंजूर है।

कानून व्यवस्था पर नजर

            जनसुनवाई तय समय पर होगी। जनसुनवाई में सभी को अपनी बातों को रखने का अधिकार है। व्यवस्था पर पुलिस की नजर रहेगी। किसी को कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। कार्यक्रम का निर्धारण महीनों पहले हो चुका है। जनसुनवाई से हटने का सवाल ही नहीं उठता है।

                                                                                             के.डी.कुंजाम…अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर

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