रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अंबिकापुर में पार्टी के कार्यकर्ता सम्मलेन में अजीत जोगी के 3 वर्ष के शासन पर कटाक्ष करते हुए यह कहा कि जोगी के 3 वर्ष कार्यकर्ताओ को मरवाना, हड्डिया तोड़ना भर रहा है और आदिवासी और गरीबो के विकास के लिए कोई काम नहीं किया गया है तथा उनके समय में 4,000 करोड़ रूपये का राज्य का वार्षिक बजट रहा है जिसे हमने 85,000 करोड़ पहुंचा दिया है।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए डी.आर अग्रवाल अधिवक्ता, संयोजक प्रदेश जेसीसी(जे) विधि प्रकोष्ठ ने यह कहा है कि श्री शाह को उक्त वक्तव्य देने से पूर्व राज्य में अपनी पार्टी के दामन को भी देख लेना चाहिए था श्री जोगी के मुख्यमंत्रीत्व काल में सिर्फ 1 बार भाजपा के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज कराया गया था।
जबकि आपके पार्टी के 15 वर्षो के शासन काल में स्टूडेंट, राजनैतिक कार्यकर्ता, आदिवासी, हरिजन, पिछड़ा वर्ग, किसान के साथ ही शिक्षाकर्मी, आगनबाडी कार्यकर्ता अनियमित कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मचारी तथा तिल्दा – नेवरा का सिन्धी समाज तक दमन के शिकार हो चुके है और आपके मुख्यमंत्री रमन सिंह, दमन सिंह के रूप में प्रदेश में अलोकप्रिय हो चुके है इसके अलावा जहा तक बजट का प्रश्न है।
अजीत जोगी ने इस अल्प बजट और अपने अल्प समय के कार्यकाल में आनन फानन में विधानसभा भवन, मंत्रालय भवन, अधिकारी, कर्मचारी, विधायक, मंत्रियो के आवास की व्यवस्था, शहीद वीर नारायण सिंह क्रिकेट स्टेडियम, रायपुर में एम्स हास्पिटल, हिदायतुल्ला लॉ विश्वविद्यालय, सिम्स हास्पिटल बिलासपुर, 200 नई राईस मिले और स्पिनिग रोलर मिलो की स्थापना के साथ ही साथ पुरे प्रदेश में तालाबो और सड़को का जाल बिछाया है।
उनके समय में नक्सल समस्या सिर्फ 1 – 2 जिलो तक सिमित थी जिसका विस्तार आपकी पार्टी के शासन में राजधानी तक हो चूका है और इतना ही नहीं हजारो आदिवासी परिवार अपने ही प्रदेश में विस्थापित हो चुके है और हजारो आदिवासी और जवान आपकी पार्टी के शासन काल में नक्सली हिंसा के शिकार हो चुके है जबकि अजीत जोगी के राज में आदिवासीयो और गरीबो की माली हालत आज के हालातो से काफी अच्छी स्थिति में रहे है और इसीलिए प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के बीच जोगी आज उम्मीद और विश्वास का केंद्र बन चुके है।