शिक्षकों का एक पंथ दो काज…सफाई अभियान के बहाने बताया…सरकार को देना होगा क्रमोन्नत के साथ,समयमान वेतन

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर— गांधी जयंती पर शिक्षकों ने पेंशन और क्रमोन्नति को लेकर शासन का ध्यान सफाई अभियान चलाकर खींचा। स्वच्छता अभियान के तहत शिक्षकों ने ना केवल झाडूं चलाया। बल्कि लोगों को जागरूक कर समस्या से दो दो हाथ करने का संदेश बी दिया।
                     छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षकों ने सफाई अभियान में शिरकत कर अपने उद्देश्यों की तरफ शासन प्रशासन का ध्यान खींचा।  संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि शासन का ध्यान मांगों की तरफ आकर्षित करने 2 अक्टूबर से अच्छा दिन कोई हो नहीं सकता है। संजय ने बताया कि पिछले दिनों संगठन ने प्रदेश, संभाग, जिला और ब्लॉक स्तर पर सम्पूर्ण संविलियन, क्रमोन्नति, समयमान, पदोन्नति, वेतन विसंगति, पुरानी पेंशन बहाली और अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। आकाशवाणी के माध्यम से भी मामले को शासन के सामने पेश किया गया। मामले में मुख्यमंत्री ने संविलियन और वेतन विसंगति को लेकर बयान दिया कि आगामी कुछ दिनों के भीतर शिक्षकों की मांग पर गंभीरता से विचार करेंगे।
               संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में शिक्षक संवर्ग समेत करीब 2 लाख 40 हजार कर्मचारियो को शासन ने सीपीएस के दायरे में रखा है। एनपीएस बाजार व्यवस्था पर आधारित होता है। जरूरी है कि शिक्षक संवर्ग के साथ सभी विभाग के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन मिले। इसके लिए छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने समान महत्व और सामूहिक नेतृत्व देते हुए मजबूत *OPS MORCHA* के माध्यम से संघर्ष का फैसला किया है।
                      संजय ने बताया कि एक पद में 10 साल की  सेवा देने वाले शिक्षक संवर्ग को क्रमोन्नति, समयमान का लाभ दिया जाना चाहिए। इसके लिए क्रमोन्नति अधिकार को प्राथमिकता में रखते हुए अभियान प्रारम्भ किया गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि 2 अक्टूबर को सभी ब्लॉक मुख्यालयों में प्रदेश, जिला, ब्लॉक और संकुल पदाधिकारियो, सदस्यों, महिला प्रकोष्ठ पदाधिकारियों ने मिलकर प्रदर्शन किया।  स्वच्छता अभियान में शिरकत करते हुए ब्लाक मुख्यालयों में पेंशन सत्याग्रह और क्रमोन्नति अधिकार के रूप में मनाया। साथ में मांगों को भी शासन तक पंहुंचाया गया।
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