शिक्षकों के भर्ती नियम में सुधार की मांग…. संजय शर्मा बोले – आठ वर्ष का बंधन शोषणपूर्ण व्यवस्था

Chief Editor
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परीक्षा शुल्क,पर्यावरण विषय,12 वी कक्षा,प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ,रायपुर । छत्तीसगढ़ पंचायत / नगरीय निकाय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष संजय शर्मा ने शिक्षा कर्मियों के संविलयन के लिए आठ वर्ष का बंधन समाप्त करने की मांग की है। साथ ही प्रदेश की नई सरकरा को जनघोषणा पत्र की याद दिलाते हुए कहा है कि शिक्षकों के भर्ती नियम मे सुधार कर क्रमोन्नति, वेतन विसंगति और पदोन्नति मामलें का शीघ्र निराकरण किया जाना चाहिए ।संजय शर्मा ने कहा कि  प्रदेश में शिक्षकों के बीच भेदभाव करने के लिए 8 वर्ष का बंधन रखा गया है । यह कोई मान्य नियम नही है,,और न ही शिक्षा संहिता में ऐसी कोई व्यवस्था है । इस प्रदेश में सभी शिक्षकों की भर्ती की योग्यता, पात्रता व अर्हता समान होती है । फिर संविलियन, शासकीयकरण के लिए 8 वर्ष का बंधन क़्यों,,? यह पूर्णतः शोषण की व्यवस्था है ।  इसे सरकार अपने जन घोषणा पत्र के वादा अनुसार तत्काल दूर करे ।  सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
उन्होने कहा कि  1998 से सेवारत शिक्षा कर्मियो के पदोन्नति के पद नही है । ऐसे में क्रमोन्नति के नियम का उल्लेख होता है । 20 वर्षों से एक ही पद पर न्यूनतम वेतन में कार्य करने को बहुसंख्यक शिक्षाकर्मी मजबूर है । भर्ती नियम में पदोन्नति से वंचित शिक्षकों के लिए क्रमोन्नति का उल्लेख ही नही है….. क़्यों…..? निश्चित अवधि में पदोन्नति के पद नही होने पर वंचित के लिए क्रमोन्नति,समयमान वेतनमान की व्यवस्था होती है ।  10 व 20 वर्ष के आधार पर  2-2 पदोन्नति से   शिक्षक वंचित है ,,यह अन्यायपूर्ण है । शिक्षाकर्मी वर्ग 01 एवं 02 को 9300-34800 वेतनमान के साथ में 4300 व 4200 ग्रेड पे दिया गया जबकि वर्ग 03 को 5200-20200 वेतनमान के साथ में 2400 ग्रेड पे का निर्धारण किया गया था।  जिससे संविलियन के बाद भी सातवें वेतनमान निर्धारण में पुनरीक्षित वेतन संरचना में वर्ग 01 का लेवल 09, वर्ग 02 का लेवल 08 में निर्धारण किया गया। 01मई 2013 से स्वीकृत किये गए पुनरीक्षित वेतनमान के निर्धारण में वर्ग 03 के लिए विसंगति युक्त किये गए वेतन निर्धारण की वजह से वर्ग 03 का लेवल 06 में निर्धारित किया गया।
वर्गवार अनुपातिक तुलनात्मक आधार पर भी वर्ग 01 व 02 के वेतन में अंतर की तुलना में वर्ग 02 एवं वर्ग 03 के वेतन में अत्यधिक अंतर विद्यमान है, । इसलिए आज भी हमारा संघ वर्ग 03 के साथ हुए विसंगति युक्त वेतन निर्धारण के निराकरण के लिए संघर्षरत हैं ।
संजय शर्मा ने कहा कि 20 वर्ष से व्याख्याता के पद पर कार्य कर रहे वर्ग 1 के लिए पदोन्नति के प्रावधान ही नही है।  उन्हें पूरे सेवा काल मे एक ही पद पर सेवा देना है । उत्साहहीन बनाते हुए षड्यंत्र कर प्रतिभा ही समाप्त कर दिया गया ।  समकक्ष पद पर कार्यरत हजारो शासकीय शिक्षक प्राचार्य बन गए । इन्हें वरीयता न देकर प्राचार्य के पद नही दिए गए । प्रधान पाठक मिडिल, प्रायमरी के हजारों पद रिक्त है । जिसमे पदोन्नति कर प्रधान पाठक नही बनाया गया ।  प्रतिभा का उपयोग न कर ऐसे हजारो शिक्षकों की वरिष्ठता की उपेक्षा की गई है ।
           उन्होने यह भी कहा कि  सरकार अपने जन घोषणा पत्र के मुद्दे के आधार पर अब शिक्षकों के भर्ती नियम में अवैधानिक, शोषण पूर्ण व अन्यायपूर्ण व्यवस्था को तत्काल सुधार करे । जिसमें संविलियन के 8 वर्ष का बंधन समाप्त हो, पदोन्नति से वंचित वर्ग को क्रमोन्नति वेतनमान मिले, वर्ग 3 के शिक्षकों को अनुपातिक तुलनात्मक वेतन दिया जा सके, और पदोन्नति के पद देकर उनके कार्य क्षमता का उपयोग किया जा सके।
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