बिलासपुर।पंचायत एवं नगरीय निकाय से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलयन हुए शिक्षक(एल बी)संवर्ग को पूर्व विभाग की सेवा अवधि की गणना कर शासन द्वारा निर्धारित सेवा अवधि पूर्ण करने पर उच्च पद पर पदोन्नति दी जाये या तो उच्च पद का समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे दिया जाये।छ .ग.व्यख्याता (पं/एल बी)संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह व सचिव सुनील कुमार गुणी ने इस बाबत प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ,संचालक लोक शिक्षण सहित सयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियो को अभ्यावेदन प्रस्तुत कर 15 दिवस के भीतर आवशयक कार्यवाही की मांग की है । सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
ज्ञात हो कि राज्य शासन के मन्त्रीमण्डल के निर्णयनुसार लोक हित में पंचायत एवं नगरीय प्रशासन विभाग के नियंत्राधिन कार्यरत शिक्षक(पं/ननि) संवर्ग को 8 वर्ष की पूर्ण सेवा या उससे अधिक सेवा अवधि पूर्ण करने के पश्चात स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त सहायक शिक्षक ,शिक्षक एवं व्यख्याता पद पर 1.7.2018 से संविलयन किया है।शिक्षक(पं/ननि)सवर्ग की नियुक्ति स्कूल शिक्षा विभाग के रिक्त पद विरुद्ध ही हुई थी ।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग ने दिनांक 7.3.2019 को 5.3.2019 को प्रकाशित स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक एवम् प्रशासनिक)भर्ती तथा पदोन्नति नियम 2019 की अधिसूचना सलग्न करते हुए संचालक लोक शिक्षण सहित समस्त संयुक्त संचालक , जिला शिक्षा अधिकारियो को आदेश प्रसारित किया कि समान्य प्रशासन विभाग ने माननीय हाईकोर्ट के निर्देश पर पदोन्नति पर रोक लगी है अतः शिक्षक(ई/टी)सवर्ग तथा शिक्षक (एल बी)सवर्ग को क्रमोन्नति /समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही करें ।
परन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी गण जानबूझकर ,दबाव बनाते हुए दिनांक 6.4.2019 को स्कूल शिक्षा सचिव से यह आदेश प्रसारित कराने में सफल हो गए कि संविलयन से पूर्व सेवा अवधि में समयमान /क्रमोन्नति के लिए निर्धारित सेवा पूर्ण करने वालों को पूर्व विभाग /नियोक्ता के पाला में डाल दिया कि शिक्षक (एल बी) के पूर्व के लिए समस्त देय स्वत्व को प्रदान करने के लिए पंचायत/नगरीय निकाय जिम्मेदार है ।
स्कूल शिक्षा सचिव ने सचिव पंचायत /नगरीय प्रशासन विभाग को स्पष्ट रूप से आदेश किया है कि 1.7.2018 से पूर्व तत्समय प्राप्त कर रहे वेतनमान के अनुसार क्रमोन्नति /समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण कर स्थनीय निधि सपरिक्षक से सत्यापन कराकर वेतन गणना कर रिवाइज्ड एल पी सी वर्तमान वेतन आहरण संवितरण अधिकारी को सौपे। वेतन गणना के पश्चात अंतर की राशि एरियर्स के रूप में वेतन मद से प्रदाय करें एरियर्स राशि हेतु स्कूल शिक्षा विभाग से मांग करें ।इसके लिए वित्त विभाग से सहमति प्राप्त है।इसके बावजूद नियोक्ता द्वारा समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का लाभ नही दिया जा रहा है।
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ज्ञात हो कि वर्तमान सरकार ने चुनाव के पूर्व घोषणा की थी की 1998 वालों को क्रमोन्नति /समयमान का लाभ दिया जायेगा ।हजारो प्रकरणो पर माननीय उच्चन्यायालय ने भी आदेश पारित कर नियोक्ता को एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण तिथि से क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान देकर प्रकरण को निराकृत करने के निर्देश दिए है ।
उच्च न्यायलय के आदेश के परिपालन में अधिकांश नियोक्ताओं द्वारा पंचायत/नगरीय निकाय में रहते हुए एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि से प्रथम क्रमोन्नति /समयमान वेतनमान के आधार पर उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड में में वेतन निर्धारण कर गणना पत्रक एवम् सेवा पुस्तिका का सत्यापन हेतु स्थानीय निधि सपरिक्षक में भेजा जा रहा है, परन्तु स्थानीय निधि सपरिक्षक माननीय उच्च न्यायालय की आदेश की अवहेलना करते हुए सत्यापन करने में टाल मटोल कर रहे है या शासन के ऊपर डाल रहे है ।
छ .ग.व्यख्याता (पं/एल बी)संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने बताया कि शासन के मुलभुत नियमो के तहत आज नही तो कल एन केन प्रकारेण पूर्व नियोक्ता को पक्रमोन्नति/समयमान वेतनमान में प्रथम उच्चतर वेतनमान का लाभ देना ही होगा एवं संविलयन के बाद पूर्व विभाग की सेवा अवधि को जोड़कर प्रथम ,दुवितीय एवम् तृतीय उच्चतर वेतनमान का लाभ स्कूल शिक्षा विभाग को देना होगा… क्योकि स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश दिनांक 6.4.2019 के आधार पर नियोक्ता की सहमति से रास्ट्रीय लोक अदालत में उच्चन्यायलय ने आदेश पारित कर यचिका कर्ताओ को एक ही पद में 10 वर्ष पूर्ण करने की तिथि से प्रथम समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर रिवाइज्ड एल पी सी जारी करने और विथ एरियर्स राशि प्रदान करने के आदेश दिए है ।अब पाला स्थानीय निधि सपरिक्षकों पर है।स्थानीय निधि सपरिक्षको द्वारा माननीय उच्चन्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर उपसंचालको के नामजद माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना का प्रकरण दर्ज कराएंगे ।
एक विभाग से दूसरे विभाग में संविलयन हुए कर्मचारियों को पूर्व विभाग में की गयी सेवा की गणना कर वर्तमान विभाग में पदोन्नति /समयमान वेतनमान में उच्चतर वेतनमान का लाभ देने हेतु कमलेश्वर सिंह ने माननीय उच्चतम न्यायालय डबरा दुविजेन् चन्द्र सरकार बनाम भारत संघ ,रेनू मलिक बनाम भारत संघ रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार बनाम व्ही एम् जोसेफ ,आंध्रप्रदेश राज्य विद्युत् बोर्ड बनाम पार्थ सारथि ,दिनेश कुमार खरे बनाम म.प्र.राज्य के मामले में दिए गए निर्णय का उद्धहरण देते हुए बताया कि कर्मचारियों को समयबद्ध क्रमोन्नति देने के पीछे शासन की यह सोच है कि यदि किसी सेवक ने पदोन्नति हेतु निर्धारित आवशयक सेवा अवधि पूर्ण कर ली है और उसे पदोन्नति नही किया जा सका है तो उसेलभ पहुँचाने के लिए उच्चतर वेतनमान दिया जाता है ।
इस सन्दःर्भ में दुविजेन् चन्द्र सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय का पैरा 20 लाभदायक होगा जिसमे निम्नानुसार निर्णय पारित किया है :-” अपीलार्थी को पुनर्वास विभाग (पूर्व विभाग)और डाक तार विभाग (वर्तमान विभाग) की सेवा अवधि को संगठित करते हए 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि से उच्च ग्रेड का वेतन के पात्र होंगे। ये पात्रता उन्हें सहायक के पद पर बनी रहेगी और उस समय तक कि नियमो के अनुसार उन्हें उच्च पद पर पदोन्नत नही किये जाते ।उन्हें वेतन तथा भत्तो का अंतर की राशि निर्णय दिनांक से एक महीने के भीतर भुगतान किया जाना चाहिए ।”
इस मामले में उच्चतम न्यायलय ने यह अभिनिर्धारित किया है कि समयबद्ध क्रमोन्नति योजना के अंतर्गत ऐसे सभी सेवको को वेतनमान का लाभ कुछ समय तक दिया जाता रहेगा जब तक कि नियमो के अनुसार अगले उच्च पद पर पदोन्नत नही किये जाते ।
संचालक लोक शिक्षण,सम्भागीय सयुक्त संचालक एवं जिला शिक्षा अधिकारियो दुवारा राज्य शासन के आदेश दिनांक 7.3.2019 के परिपालन में शिक्षक (ई/टी)सवर्ग को समयबद्ध क्रमोन्नति देने की कार्यवाही कर रही है, पेंच शिक्षक (ई एल बी/टी एल बी) सवर्ग को समयबद्ध क्रमोन्नति वेतनमान में उच्चतर वेतनमान देने की कार्यवाही नही कर रही है जिससे सविलियत शिक्षक (एल बी)सवर्ग स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियो के भेदभाव निति से आहत है ।
उपरोक्त निर्णय का उद्धरण की एक प्रति सलग्न करते हुए कमलेश्वर सिंह राजपूत ने राज्य शासन को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने की जानकारी देते हुए बताया कि 15 दिवस के भीतर कार्यवाही करने का निवेदन किया है इसके पश्चात माननीय उच्च न्यायालय में स्कूल शिक्षा विभाग ,पं/ननि विभाग,संचालक लोक शिक्षण ,सम्भागीय सयुंक्त संचालक ,संचालक /उपसंचालक स्थानीय निधि सपरिक्षको को प्रतिवादी बनाते हुए माननीय उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के निर्णय की अवमानना का प्रकरण दायर करेंगे ।