शिक्षक नेता अमित ने कहा…बताओ कैसे मनाएं त्योहार….तीन महीने से नहींं मिला वेतन…बच्चों को क्या जवाब दें

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— शिक्षाकर्मी आंदोलन के समय बड़े नेताओ मे शुमार अमित नामदेव ने कहा कि सरकार बताए कि हम त्यौहार कैसे मनाएं…। बच्चों को क्या जवाब दें। क्योंकि पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। और यदि एक महीने वेतन नहींं मिले तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। अब तो हमेंं अपने आप पर खीझ होती है कि क्या शिक्षक होना पाप है।
                         शिक्षक नेता अमिन नामदेव ने बताया कि जुलाई 2019 को संविलियन हुए राज्य हजारो शिक्षकों को अब तक नही वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। मतलब संविलियन की खुशियां आज भी अधूरी है। सिर पर बहुत बड़ा त्योहार है। शिक्षकों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। हां संविलियन जरूर हो गया है। ऐसे में शिककों को कुछ समझ मे नहींं आर रहा है कि संविलियन का जश्न मनाएं या फिर बच्चों के त्योहार को बरबाद होते देख गम के आंसू बहाएं। कुछ समझ मे नहीं आ रहा है।
              अमित ने कहा कि शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने प्रदेश के लगभग 15 हजार शिक्षकों की वेतन भुगतान संबधित समस्या जस की तस बनी हुई है। पूर्व में जब शिक्षक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी थे…उस समय भी वेतन समस्या से शिक्षकों को दो चार होना पड़ता था। संविलियन के बाद आज भी कमोबेश वही स्थिति है। 1 जुलाई से शिक्षा विभाग का हिस्सा होने के बाद भी शिक्षकोंं को वेतन नहींं मिला है। सितम्बर महीना खत्म होने जा रहा है कि लेकिन शिक्षकों को वेतन के लिए आज भी मोहताज होना पड़ रहा है।
                                                   छत्तीसगढ़ नवीन शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि जुलाई 2019 में 8 साल पूरे कर चुके शिक्षक पंचायत और नगर निगम संवर्ग के आईडी जनरेट का काम आज तक पूरा नहीं हुआ है। प्रान नम्बर में डीडीओ और डीटीओ चेंज करने को लेकर प्रान शिफ्टिंग का काम अब तक अधूरा है। जिसके चलते जुलाई महीने का वेतन नही मिला है।
      अमित के अनुसार 1 जुलाई 2018 को बड़ी संख्या में शिक्षकों का संविलियन शिक्षा विभाग में हुआ । लेकिन तात्कालीन समय शिक्षकों को बहुत अधिक परेशानी का सामना नहींम  करना पड़ा था। 1 जुलाई 2018 को संविलियन किए गए शिक्षकों का वेतन 30 जुलाई को जारी हो गया था। इसके विपरीत इस साल 2019 मेंं संविलियन किए गए शिक्षक..जिनकी संख्या पिछली बार के मुकाबले बहुत कम है…वावजूद उन्हें पिछले तीन महीन से वेतन का इंतजार है।
                                         1 जुलाई 2019 में पंचायत और नगर निगम के लगभग 14 500 शिक्षक संवर्ग का संविलियन किया गया । हमारी मांंग है कि तीन महीने पहले संविलियन किए गए शिक्षकों का शीघ्र ही सातवां वेतनमान का निर्धारण कर वेतन भुगतान किया जाए। क्योंकि वर्तमान में संविलियन हुए शिक्षकों का वेतन नही मिला है। जिसके चलते शिक्षक संवर्ग को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  शिक्षा विभाग के अधिकारियो से पूर्व में भी 5 अगस्त तक वेतन भुगतान की मांग की गई थी। लगता है कि अधिकारियों ने बात को गंभीरता से नहींं लिया है।
             मालूम हो कि लगभग पंदह हजार शिक्षकों का एलपीसी जनपद सीईओ ने जून माह में जारी कर दिया है। जुलाई महीने से शिक्षखों का वेतन शिक्षा विभाग के सम्बंधित डीडीओ बीईओ और प्राचार्य ही ट्रेजरी से गैर आयोजना मद से आहरण कर भुगतान करना था । पूर्व में जुलाई 2018 को जिन शिक्षा कर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हुआ…उन सभी की संपूर्ण संविलियन प्रक्रिया पूर्व निर्धारित समय सारणी के अनुसार किया गया था। जिसके कारण 30 जुलाई 2018 को सभी संविलियन किए गए शिक्षको का वेतन जारी हो गया। जबकि पिछले साल संविलियन प्राप्त कर्मचारियों की संख्या लाखो में थीं। लेकिन इस साल प्रदेश के कई जिलों में संविलियन कैलेंडर का पालन नही किया गया है। परिणाम स्वरूप कई जिलों में आज दिनांक तक संविलियन आदेश जारी नही हो सका है।
                        अमित कुमार नामदेव ने बताया कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत महामंत्री गिरीश साहू के साथ समस्या पर उच्य अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। यदि समस्या का निराकरण समय पर नहीं किया जाता है तो संगठन पदाधिकारी आगे की कार्रवाई के लिए बैठक में उचित विचार विमर्श करेंगे।
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