शिक्षक भर्तीः आवेदकों में हड़कम्प.. आवेदकों ने–कहा..एक साथ हासिल डिग्री और डिप्लोमा को करें मान्य

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड, बीएड संघ के बैनर तले शिक्षक पद के लिए आवेदनकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया। आवेदनकर्ताओं ने एक सत्र में एक ही विषय से डिग्री और डिप्लोमा उत्तीर्ण करने वालों को शिक्षक भर्ती में  तरजीह दिए जाने की मांग की है।
 
           संगठन के प्रांतीय सचिव सुशान्त धराई की अगुवाई में आवेदन कर्ताओं ने सत्यापन नियंत्रक, एसईसीआरटी, डायरेक्टरोरेट और शिक्षा सचिव से मुलाकात की। आवेदनकर्ताओं ने जानकारी दी कि सत्यापन के दौरान उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। 
 
                         सुशान्त धराई ने बताया कि शासन ने विज्ञापन जारी कर शिक्षक पद के लिए आवेदन मंगवाए हैं। अभ्यर्थियां के दस्तावेज का वेरीफिकेशन किया जा रहा है। देखने में आ रहा है कि जिन अभ्यर्थियों ने 1 ही सत्र में डिग्री और डिप्लोमा दोनों किया है उनके दस्तावेजों पर लाल मार्क किया जा रहा है। जिसके चलते सभी अभ्यर्थी मानसिक रूप से बहुत प्रताड़ित महसूस कर रहे है। 
 
            सुशान्त धराई और प्रदर्शनकारियों ने डायरेक्टोरेट और शिक्षा सचिव से मिलकर लिखित में अपनी अशंका को जाहिर किया है। शिक्षा सचिव से मिलकर बताया कि वरीफिकेशन के समय रोज नई जानकारी मिल रही है।  अभ्यर्थियों को बताया जा रहा है कि एक ही शिक्षण सत्र में एक साथ डिग्री और डिप्लोमा को मान्य नहीं किया जाएगा।  सत्यापन कर्ताओं ने यह भी बताया कि एक सत्र में डिग्री और डिप्लोमा करने वालों की सूची बनायी जा रही है। यूजीसी से मान्यता मिलने के बाद ही सूची का प्रकाशन किया जाएगा।
 
                        सुशान्त ने बताया कि हमने आलाधिकारियों के सामने अपनी बातों को पेश कर दिया है। हमने अधिकारियों को बताया है कि  डिप्लोमा प्रशिक्षण आधारित कार्यक्रम होता है। जो कि मण्डल के अधीन सचालित होता है। जबकि डिग्री विश्वविद्यालय से हासिल होता है। छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में डिग्री और डिप्लोमा एक साथ मान्य है। जिस पर नियम  बनाने का अधिकार यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिया है।
         
                डीएड को अलग अलग राज्यों में अलग अलग नाम से जाना जाता है। छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में डिग्री और डिप्लोमा एक साथ मान्य है। शिक्षाकर्मी भर्ती के समय भी डिग्री और डिप्लोमा को एक साथ  मान्यता मिली है। ऐसे में शिक्षक भर्ती के समय एक सत्र में किए गए डिग्री और डिप्लोमा को लेकर सवाल करना उचित नही होगा। इसलिए बिना भेदभाव के एक ही सत्र में एक ही विषय में डिग्री और डिप्लोमा करने वालों को मान्यता दी जाए।
 
 
 

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