रायपुर।
प्रदेश के शिक्षा कर्मीयी में नए शिक्षक भर्ती को लेकर भारी नाराजगी चल रही है। ठीक ऐसी ही नाराजगी विधानसभा चुनाव के वक़्त थी। प्रदेश के शिक्षक चाहते है कि पहले बाकि बचे 48 हजार शिक्षको का पूर्ण संविलियन हो और राज्य में क्रमोन्नत वेतनमान के साथ साथ पदोन्नति देने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो ।उसके बाद नई नियमित प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो।
प्रदेश के शिक्षा कर्मी नेता चुनाव आचार सहिंता के चलते सरकार को अपना शक्ति प्रदर्शन नही दिखा पा रहे है हो पर इनकी आपसी बैठकों और सोशल मीडिया में हो रही चर्चाओं ने से जो सुर निकल के आ रहे है उससे वर्तमान राज्य सरकार का कान दर्द हो सकता है।
शिक्षाकर्मियों के मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहीं वही गलती तो नहीं दोहरा रहे दिए जो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने की थी
पिछले साल भर के शिक्षाकर्मियों के मामलों के घटनाक्रम पर नजर डाले तो पता चलता है कि शिक्षक मोर्चा ने संविलियन लेने के लिए जी जान लगा दिया था। व्हाट्सएप फेसबुक सोशल मीडिया सहित प्रदेश के 180000 शिक्षाकर्मियों की जुबान पर सिर्फ संविलियन और संविलियन था
शिक्षक नेता सब वीडियो सहित अपनी 9 सूत्री मांगों के लिए सड़कों पर आएं आंदोलन ब्लॉक जिला मुख्यालयों से निकल कर राजधानी रायपुर पहुंचा 2013 से सीख लेते हुए मोर चैनल रणनीति में बदलाव किया मूर्ति ने रायपुर की सड़कों पर संग्राम मचाया मौर्य के नेता जेल गए शून्य में आंदोलन वापस किया गया
कुछ समय बाद प्रदेश की सभी शिक्षक संघों से शिक्षकों की मांग मंगवाई गई प्रक्रिया चलती रही शिक्षाकर्मियों का इंतजार लंबा होता गया हर मोर्चे का बैनर पोस्टर अभियान और मुख्यमंत्री पर मीडिया का दबाव अंतरा देखकर अंतर सरकार ने रमन सरकार एक बड़ा फैसला लिया
8 साल पूरी कर चुके कल की सेवा पूरी कर चुके एक लाख तीन हज़ार शिक्षकों का संविलियन कर दिया गया बाकि को जो जैसे जैसे शिक्षको के आठ वर्ष पूरे होते जायँगे संविलियन होता जायेगा ।
प्रदेश के शिक्षा कर्मीयो का भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में संविलियन का घोषणा मुख्यमंत्री का पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने की यह निश्चित है शिक्षाकर्मियों के 23 साल के वनवास का अंतर था
शिक्षकों ने इस अधूरे संविलियन को पूरे मन से नहीं स्वीकारा यह संविलियन शिक्षाकर्मियों को तरसा कर दिया गया उसका परिणाम संविलियन के बाद भी पी सरकार का विरोध जारी रहा पूर्व रमन सरकार के समर्थक
कहते हैं किशिक्षा कर्मीयो के संविलियन का लाभ रमन सरकार वादा खिलाफी और संविलियन को अधूरा और तरसा करना एक बड़ी वजह है।
इसी रास्ते पर भूपेश सरकार चल पढ़ी है। शिक्षाकर्मी मान रहे हैं कि चुनाव पूर्व जो वादे किए गए थे उन वादों पर अमल होता नहीं दिख रहा है 14000 590 पोस्ट निकालने से शिक्षक कब आशंकित की हो गए शिक्षक चाहते हैं कि पहले सब का संविलियन हो उसके बाद नई नियुक्तियां चाहते हैं कि सबका क्रमोन्नति हो शिक्षक चाहते हैं सब का वेतन विसंगति दूर उसके बाद नए पद का सर्जन विभाग करें जिससे भविष्य में सीआईडी को लेकर वरिष्ठता को लेकर विवाद ना हो शिक्षकों के नियमित पद निकाले जा रहे हैं.