बिलासपुर।शिक्षाकर्मीयो के स्थानांतरण के लिए आम तो आम खासो खास शिक्षको सहित उनके परिजन और शुभचिंतक भी अब सोच में पड़ गए है कि स्थानांतरण के लिए कौन सा… बल लगाया जाए,जो आधुनिक सरकारी व्यवस्था में न्यूटन के थ्योरी को मेल खाता हो।सीजीवाल डॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
जिसके परिणाम स्वरूप शिक्षक LB का स्थानांतरण हो जाये और मनमुताबिक जगह आसानी से मिल जाय। ट्रांसफर चाहने वाले शिक्षको की सँख्या प्रदेश स्तर में बहुत ज्यादा है। और शिक्षक सोशल मीडिया में एक बड़ा वर्ग शिक्षाकर्मीयो का एक्टिव भी है।
सरकार की तबादला नीति पर विचारों तर्कों -कुतर्कों और व्यंगों से सोशल मीडिया पटा हुआ है।सोशल मीडिया में वायरल हुए मेसेज में शिक्षाकर्मी न्यूटन के नियम को स्थानांतरण से जोड़ रहे है।जिसमे ट्रांसफर के लिये तीन नियम बताए गए है ।
प्रथम नियम : यदि कोई कर्मचारी दुर्गम क्षेत्र में हैं तो वह वहीं रहेगा, जब तक उस पर कोई बाह्य कृपा/सिफारिश/अनुकम्पा प्राप्त नहीं होती! इस नियम को जुगाड का नियम भी कहते है!
द्वितीय नियम : किसी दुर्गमी के ट्रांसफर हेतु लगाया गया बल उसकी वर्तमान पहुंच और उच्च सिफारिश के गुणनफल के बराबर होता है!
तृतीय नियम : जितनी मात्रा में धन दिया गया, उतनी ही सुगमता से ट्रांसफर की संभावना होती है! इसे नीति-अनीति का नियम भी कहते हैं!
बताते चले कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मीयो के संविलियन के बाद पहली बार खुली स्थानांतरण नीति लागू हुई है।जिसे लेकर शिक्षक अध्यापक समुदाय काफी जोश में है।