शिक्षाकर्मियों की अनुकम्पा नियुक्ति मामले में जारी आदेश में नहीं दिख रही अनुकम्पा,प्रदीप पांडेय ने सुझाया यह तरीका

Shri Mi
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बिलासपुर।अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में शिक्षक (पंचायत) संवर्ग के लिए संचालक पंचायत संचालनालय के द्वारा जारी आदेश से अब विवाद और भृम की स्थिति आ गई है। शिक्षक नेता प्रदीप पांडेय ने इस विषय पर चर्चा करते हुए cgwall.com को बताया कि इस आदेश से अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आश्रित परिवार को थोड़ी राहत जरूर मिली है, अब अनिवार्य योग्यता प्राप्त करने के लिए 3 वर्ष की जगह 6 वर्ष का समय दिया गया है,इसके लिए सरकार के साथ – साथ समस्त शिक्षा कर्मी संघ बधाई के पात्र हैं।

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जिन्होंने अपने – अपने तरीकों से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया, किन्तु योग्यता हासिल करने के लिए वर्ष वृद्धि के रूप में मिली रियायत से आश्रित परिवार को कोई विशेष लाभ नहीं होगा।

प्रदीप ने बताया कि अनुकम्पा का अर्थ ही होता है। किसी के दुख दर्द को देखकर उसके प्रति बिना किसी अपेक्षा के सहनुभूती,दया, अनुग्रह का भाव रखना।किन्तु अभी जो आदेश पंचायत संचालक के द्वारा जारी किया गया है उसमें ऐसी कोई बात नहीं।इस आदेश में शैक्षिक, एवं व्यवसायिक योग्यता को अनिवार्य रखा गया है, हां यह जरूर किया गया है कि अब इन योग्यताओं को प्राप्त करने के लिए 3 की जगह 6 वर्ष का समय दिया गया है।

अब ऐसा परिवार जिसके घर का मुखिया की मृत्यु हो गई हो वह परिवार अपना घर चलाने के प्रयत्नों में लगे या इन अनिवार्य योग्यता को प्राप्त करने में समय और पैसा लगाए।जब बात अनुकम्पा नियुक्ति की हो रही है तो इसमें सरकार की ओर से अनुकम्पा दिखनी भी चाहिए थी।अनुकम्पा शैक्षिक योग्यता में, अनुकम्पा व्यवसायिक योग्यता में,अनुकम्पा आवेदन के तरीकों में, किन्तु जारी आदेश में अनुकम्पा ही गायब है।

यहां तो शर्तों के साथ अनिवार्यता ही दिखाई दे रही है।इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं जब कोई शिक्षक किसी विद्यार्थी पर मूल्यांकन के समय अनुकम्पा करता है जिसे हम ग्रेस के नाम से ज्यादा जानते है तो वह उस विद्यार्थी से बाद में उन प्रश्नों के उत्तर हल करने की शर्त नहीं रखता है ।बल्कि शिक्षक उस विद्यार्थी को ग्रेस मार्क्स देकर उत्तीर्ण कर देते हैं ।

प्रदीप पाण्डेय ने बताया कि RTE लागू होने के बाद शिक्षकों के भर्ती में कुछ अनिवार्य योग्यता का पालन करना आवश्यक है। किन्तु ऐसा नहीं है, कि इसका हल न निकला जा सके।जैसे अन्य शासकीय कर्मचारियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति के मामले में किया जाता है। यदि कोई आश्रित परिवार शिक्षक पद के लिए अनिवार्य शैक्षिक व व्यवसायिक योग्यताएं नहीं रखते हैं तो उन्हें अन्य पद जैसे भृत्य,सहायक ग्रेड03,जैसे पदों पर नियुक्ति दी जाती है।

इसी प्रकार विज्ञान सहायक का पद सहायक शिक्षक पंचायत का समकक्ष पद है।जिसमें टीईटी, डी एड,इत्यादि की अनिवार्यता नहीं है। इसके लिए केवल विज्ञान विषय से हायर सेकेंडरी उत्तीर्ण होना चाहिए।ऐसे परिवार को उक्त योग्यता रखते हैं उन्हें विज्ञान सहायक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकती है।वर्तमान में प्रदेश में विज्ञान सहायक के हजारों पद खाली भी है जिसमें सहायक शिक्षक(पंचायत/एलबी)पद विरूद्ध कार्य कर रहे हैं।

प्रदीप ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति आश्रित शिक्षक के परिजनों के लिए बहूत महत्वपूर्ण है।सरकार से अपेक्षा है कि इस ओर ध्यान देते हुए अनुकम्पा नियुक्ति की जटिलता को सरल करते हुए आश्रित परिवार को राहत देंगे।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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