शिक्षाकर्मियों की तबादला सूची में नया पेंच..क्या प्रभारी मंत्री की जानकारी के बिना जारी हो गया आदेश…?

Shri Mi
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रायपुर।बलौदाबाजार के शिक्षा कर्मीयो की तबादले की तेरी लिस्ट और मेरी लिस्ट के विवादो से चर्चा में आई जिला बलौदाबाजार की सहायक शिक्षक और शिक्षको के स्थानान्तरण की प्रक्रिया में एक औऱ नया तथ्य सामने आया है। कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने तबादले के एक सरकारी आदेश में जिले के प्रभारी मंत्री का वजन बढ़ाया तो लगता है दूसरे आदेश में उन्हें अनदेखा कर दिया ।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे

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जिला बलौदाबाजार की सहायक शिक्षक और शिक्षक की दिनांक 12/07/2019 को एक ही दिन जारी प्रथम और द्वितीय स्थानान्तरण सूची में जिला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर जिला कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय ने अपनी मुहर लगाई हैं। जिला शिक्षा कार्यालय के सरकारी आदेश की माने तो जारी हुए स्थानान्तरण के आदेश की पहली सूची जिसमे की जिला शिक्षा अधिकारी के दस्खत है। उस स्थानान्तरण की सूची को निज सचिव प्रभारी मंत्री जिला बलौदाबाजार को तबादले की सूची भेजी गई है।

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30 जुलाई तक सभी खण्ड कार्यालयों से क्रियान्वयन का पालन प्रतिवेदन मंगाया गया जबकि स्थानान्तरण की द्वितीय सूची जो 12/07/2019 को ही जारी हुई बताई गई है, जो कि सहायक संचालक द्वारा कृते जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय बलौदाबाजार के दस्तखत से आदेश जारी हुई है।

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जारी द्वितीय आदेश की प्रतिलिपि जिले के प्रभारी मंत्री को भी नही भेजी गई चूंकि मामला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जुड़ा हुआ है इसलिए प्रभारी मंत्री को प्रतिलिपि सहित जानकारी देना महत्वपूर्ण होता है । जारी आदेश की प्रतिलिपि में कही नही लिखा हुआ है कि निज सचिव, प्रभारी मंत्री बलौदाबाजार भाटापारा को सूचनार्थ…

मतलब साफ है कि दूसरी स्थानान्तरण सूची की प्रमाणिक जानकारी जिले प्रभारी मंत्री को भी शायद हो।जारी की गई दूसरी तबादला सूची क्रियान्वयन के लिए 15 दिवसों का समय भी नही लेख किया गया है बल्कि इसे ततकाल प्रभाव से लागू जारी बताया जा रहा है।वैसे भी यह दूसरी लिस्ट 12 जुलाई के दिनाक पर सितम्बर मास के प्रथम सप्ताह में जारी बताई जाती है इसलिये तबादले से व्यतिथ कर्मियों को अभ्यावेदन का अवसर की भी जानकारी नही है।

मामला इस लिए खास हो जाता है क्योकि 12 जुलाई की एक ही तिथि पर सहायक शिक्षक और शिक्षक की तबादले की पहली और दूसरी सूची जारी होती है। जिला शिक्षा अधिकारी बलौदाबाजार का अगस्त में स्थानान्तरण हो जाता है। दूसरी सूची का इंतजार सितम्बर माह के पहले हफ्ते में खत्म होता है,12 जुलाई के ही डेट पर लगभग सितंबर में दूसरी सूची आती है।

दूसरी सूची में भी अनेक सहायक शिक्षक एलबी और शिक्षक एलबी का प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरण हो जाता है। शिक्षको का स्थानान्तरण एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन स्कूल के नाम पर जारी होता है लेकिन इतने दिन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय व्यव्स्था के नाम पर क्या रहा था। उनका ट्रांसफर तो कभी भी किया जा सकता था।

पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी श्री भार्गव ने इस मामले पर पूछे जाने पर कहा कि मेरा स्थानान्तरण हो चुका है— जानकारी लिए बिना कुछ कह नही सकता। वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी फोन उठाते नही। यही हाल सहायक संचालक का है। कहते है कि जवाब देने से बचना ही सबसे सरल बचाव है।यही हाल जिला बलौदाबाजार में शिक्षा विभाग का चल रहा है।जुलाई माह के तिथि पर जारी दूसरी सूची में आज भी रिलीविंग ज्वाईनिंग जारी है।

मामला इस लिए और खास हो जाता है क्योंकि मामला वर्ग तीन और वर्ग दो के सहायक शिक्षक एलबी और शिक्षक एलबी से जुड़ा हुआ है और आजकल हर कोई अपने आपको वर्ग तीन का सबसे बड़ा हिमायती बता कर फ़ोटो पॉलिटिक्स के साथ सरकार का सबसे खासम खास शिक्षक नेता बताने में जुटा है। वही अब तक शिक्षक संघ प्रशासनिक स्थानान्तरण पर लामबंद नही हुए। सिर्फ शिक्षक नेताओ के प्रशासनिक स्थानान्तरण पर आपत्ति दर्ज किये है।

शिक्षाकर्मियों के प्रशासनिक स्थानान्तरण पहली बार पूरे प्रदेश में हुए है। संविलियन से पूर्व कई पंचायत के शिक्षाकर्मी जनपद पंचायत के कर्मी रहे है। आठ साल की सेवा के दौरान जनपद के इलाके में ही ज्यादातर शिक्षक घर गृहस्थी स्कूल क्षेत्र के हिसाब से व्यवस्थित कर लिए है।

प्रदेश के ज्यादातर प्राथमिक शाला के सहायक शिक्षक आम लोग है। एकदम साधारण परिवेश से आते है और इनकी संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा है। फिलहाल इनकी वतर्मान समस्या प्रशासनिक स्थानान्तरण पर सरकार के समक्ष बात रखने के लिए कोई खुलकर सामने नही आया है,बलौदाबाजार में भी प्रशासनिक स्थानान्तरण की लिस्ट लंबी है औऱ बीच बीच मे इक्का दुक्का आर्डर भी जारी हो रहे है वो गिनती में ही नही।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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