बिलासपुर।शिक्षाकर्मीयो के लिए छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) राज्य स्थापना का यह वर्ष थोड़ी खुशियां ला सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव से पूर्व विधायकों व मंत्रियों के अनुमोदन से आए हुए शिक्षक संवर्ग के सभी वर्गों के आवेदनों की स्थानांतरण सूची जारी हो सकती है। सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
वही सूत्रों का यह भी कहना है कि विभाग के अफसरों का एक धड़ा स्थानांतरण सूची(Transfer List) जारी करने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि स्थानांतरण सूची (Transfer List) से जारी होने से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। शिक्षा सत्र का आधा वर्ष बीतने को है। दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली की छुट्टियों की वजह से पढ़ाई में नुकसान हुआ है। आगमी कुछ दिनों बाद से प्रदेश में नगरी निकायो का चुनाव(ELECTION) है। ठीक उसके बाद पंचायत चुनाव होंगे। इन चुनाव को सम्पन्न करवाने में शिक्षक संवर्ग की बड़ी भूमिका होगी।जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग(School Education Department) पर दसवीं औऱ बारहवीं के बोर्ड परीक्षा(Board Exam) की तैयारी का दवाब है। सम्भवतः मार्च या अप्रेल के आखरी में इस बार छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) के स्कुलो की बोर्ड परीक्षा(Board Exam) हो सकती है।इस वर्ष पहली से आठवीं तक कि अर्ध वार्षिक परीक्षा नए पैटर्न में दिसम्बर जनवरी तक शुरू होने वाली है। निखार कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक प्रशिक्षित शिक्षक इस कार्य में रम गए हैं । यदि स्थानांतरण सूची (Transfer List) जारी होती है तो शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
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स्थानांतरण मामले में शिक्षा विभाग की भूल चूक के चटखारे किसी से छिपे हुए नहीं है। अभी भी कई शिक्षको की तबादला सूची (Transfer List) में संशोधन होना बाकि है। स्थानांतरण मामले(Transfer) की राज्य स्तरीय सचिव लेवल की अपीलीय समिति में आये आवेदनों को कोई आता पता नही है।
ट्रांसफ़र पोस्टिंग पर हुए खेल का मामला फिलहाल ठंडे में चला गया है। यदि एकाएक बीच शिक्षण सत्र में स्थानांतरण सूची जारी होती है तो विपक्ष को शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए एक मुद्दा मिल सकता है। जिसे भापते हुए सत्ता पक्ष के रणनीतिज्ञ शिक्षक संवर्ग के ट्रांसफर पोस्टिंग के विषय को फिलहाल ठंडे बस्ते में ही रखने की पुरजोर कोशिशो में लगे हुए है।
जो शिक्षक स्थानांतरण चाहते हैं। उनमें से ज्यादातर यही चाह रहे है, कि स्थानांतरण अब परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद होने चाहिए। क्योकि वे अपने छात्रो के भविष्य को लेकर चिंतित है।ट्रांसफ़र वाले शिक्षक नया स्कूल नए बच्चे के बीच अधूरे पाठ्यक्रम में स्कूल में जाने पर अब असहज होंगे।
शिक्षक चर्चा में बताते है कि आधे सत्र में अगर स्थानांतरण होता है तो शिक्षको के परिवार के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो सकती है।मौजूदा सत्र में दूसरे जिलों में मनचाहे स्कूलों में एडमिशन मिलना मुश्किल कार्य होगा। यही वजह है कि स्थानांतरण की माँग अब थोड़ी ठंडी पड़ी हुई है।जो गर्मियों में फिर सुलग पड़ेगी।