बिलासपुर।सयुक्त संचालक पंचायत संचनालय के आदेश क्रमांक 467 दिनांक 03.01.2020 जारी हुआ आदेश सिर्फ घोषणा ही होता नजर आ रहा है। इससे पहले भी शिक्षाकर्मीयो के बकाए एरियर्स पर पत्राचार हुए सभी जानकारी विभागों ने राजधानी में भेज दिया है। मुद्दा बजट आबंटन को लेकर हर बार अटक गया था । इस आदेश के साथ अब एक और महत्वपूर्ण पेंच सामने आया है । संविलियन के बाद अब रिवाइज्ड एल पी सी जारी कर 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा अवधि पूर्ण करने की तिथि से शासकीय शिक्षको के समान पुनरीक्षित वेतनमान सभी प्रकार के बचे हुए स्वत्वों की गणना कर एरियर्स राशि प्रदान करने की मांग उठ रही है। सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
शिक्षक(एल बी) पंचायत एवं नगरीय निकाय में कार्यरत रहते हुए जिन शिक्षको ने एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है उनका 10 वर्ष की पूर्ण तिथि से प्रथम समयमान /क्रमोन्नत वेतन मान के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड एवं ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर रिवाइज्ड एल पी सी वर्तमान वेतन आहरण संवितरण अधिकारी को जारी करने की मांग छ.ग.व्यख्याता (पं/एल बी)संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने मांग की है ।
प्रेस नोट जारी कर कमलेश्वर सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के परिपालन में जब तक एक ही पद में 10 वर्ष या उससे अधिक सेवा अवधि पूर्ण करने की तिथि से शासकीय शिक्षको के समान पुनरीक्षित वेतनमान (छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009) में प्रथम क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान के आधार पर उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर पंचायत /नगरीय निकाय द्वारा 30 जून 2018 की स्थिति में वर्तमान वेतन संवितरण अधिकारी (स्कूल शिक्षा विभाग) को रिवाइज्ड एल पी सी जारी करने के आदेश नही दिया जाता तब तक किसी भी प्रकार के स्वत्वों की गणना कर एरियर्स राशि प्रदान करने के आदेश आम शिक्षको के लिए बेमानी है ।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने दिनांक 7.3.2019 एवं 6.4.2019 को पंचायत /नगरीय निकाय को आदेश जारी किया है कि जो शिक्षक (एल बी) पंचायत /नगरीय निकाय में रहते हुए तत्समय प्राप्त कर रहे वेतनमान के अनुसार (आधार पर)क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान की पात्रता रखते है। उनका क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण कर नवनिर्धारित वेतनमान की रिवाइज्ड एल पी सी 30 जून 2018 की स्थिति में वर्तमान वेतन आहरण संवितरण अधिकारी को जारी करने के आदेश दिए है ।इसका पालन स्पष्ट रूप से पंचायत/नगरीय निकाय के सचिव द्वारा नही किया जा रहा है बल्कि भ्रम पूर्ण आदेश जारी किया जाता है जिससे आम शिक्षक (एल बी)को लाभ प्राप्त नही हो रहा है ।
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कमलेश्वर ने बताया कि पंचायत /नगरीय निकाय के अधिकारियो ने उच्च न्यायालय के उसी आदेश का उद्धहरण देते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्रमांक 8496 दिनांक 4.12.2013 के बिंदु क्रमांक 08 जिसके तहत निम्न स्वेच्छा से त्याग पत्र देकर उच्च पद (सीधी भर्ती से) में कार्यभार ग्रहण किया था । और शासन का स्पष्ट निर्देश था कि निम्न पद के सेवा अवधि की गणना नही की जायेगी ……! नव नियुक्त पद पर कार्यभार ग्रहण से सेवा अवधि की गणना की जायेगी…. इस बिंदु को विलोपित करते हुए ।…..वर्ग 03 से सीधे वर्ग 02 एवं वर्ग 1 के लिए कर दी गयी और लाखो रूपये का एरियर्स राशि बाँट दी गयी ।कई ऐसे शिक्षा कर्मी है जिन्हें 5 से अधिक 7 एवम् 8 लाख तक की एरियर्स राशि दी गयी है ।
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा हजारो प्रकरणो पर स्पष्ट रूप से आदेश किया जा रहा कि जो शिक्षक (एल बी) एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है उन्हें राज्य शासन के कर्मचारियों के लिए लागु (प्रचलित) क्रमोन्नति/समयमान वेतनमान में प्रथम उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे की पात्रता है। इसके बावजूद पंचायत /नगरीय निकाय माननीय न्यायालय के आदेश के परिपालन में दिनांक 4.12.2013 के निर्देश के बिंदु क्रमांक 6 एवं 07 को विलोपित करते हुए यह आदेश जारी नही कर रहा है, कि जो ऐसे शिक्षक (पं/ननि) जो जिनका समयमान/ क्रमोन्नत वेतनमान में वेतन उन्नयन हो गया था उनका वेतन वेतन निर्धारण समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान में प्राप्त कर रहे वेतनमान के आधार पर छ.ग.वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अनुसार उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर पुनः 30 जून 2018 की स्थिति में रिवाइज्ड एल पी सी जारी करें
कमलेश्वर सिंह ने बताया कि जो शिक्षक (पं/ननि) वर्ग 03 से वर्ग 02 में तथा वर्ग 02 से वर्ग 01 में पदोन्नत हुए उनका वेतन निर्धारण उस पद के वेतनमान के उन्नयित वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान में वेतन वेतन निर्धारण कर दिया गया यहाँ तक कि वर्ग 03 से त्याग पत्र देकर सीधे वर्ग 1 में सीधी भर्ती से नियुक्त कर्मी को समयमान वेतनमान एवं उस पद में संविलयन भी कर दिया है ।….इस प्रकार पंचातय एवम् नगरीय निकाय के अधिकारियो एवम् स्थानीय निधि सपरिक्षक कार्यालय के वरिष्ठ सपरिक्षक गण दुर्भावना पूर्ण से भेदभाव निति अपना रहे है ।
यहाँ तक कि जान बूझकर यह जानते हुए कि प्रत्येक कर्मचारियों को समयमान /क्रमोन्नत वेतनमान के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड में वेतन निर्धारण की पत्रता है उनके बावजूद माननीय उच्च न्यायालय के आदेश एवम् निर्णय को दरकिनार करते हुए अवमानना कर रहे ।छ.ग.व्यख्याता(पं/एल बी)संघ के प्रदेशाध्यक्ष कमलेश्वर सिंह ने शासन से मांग की है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना कर एक ही पद में 10 वर्ष की पूर्ण तिथि से प्रथम ,दुवितीय एवम् तृतीय उच्चतर वेतनमान का वेतन बैंड एवम् ग्रेड पे देने के निर्देश जारी करे।