शिक्षाकर्मियों के एरियर्स पर पंचायत विभाग के आदेश को लेकर भ्रम की स्थिति..समन्वय के बिना कागजों में झूलता रहेगा एरियर्स का मुद्दा

Shri Mi
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बिलासपुर। सयुक्त संचालक पंचायत संचनालय से तीन जनवरी 2020 को एरियर्स से सम्बंधित जारी हुए आदेश  की मियाद सोमवार को खत्म हो गई है। आधे अधूरे पत्र से शिक्षा कर्मीयो की अर्जित की हुई पूंजी की देनदारी पर अब विवाद गहरा गया है। शिक्षा कर्मीयो के वेतन से जुड़ा एरियर्स एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सरकार ने ध्यान नही दिया तो शिक्षको पर देनदारी दिन पर प्रति दिन बढ़ते ही जाएगी….! 1998 के बाद के शिक्षको के अलावा  सबसे ज्यादा संविलियन से वंचित शिक्षको के मामले शामिल होंगे… क्योकि पंचायत विभाग शिक्षा कर्मीयो के पिछले कई सालों से महंगाई भत्तों को नजर अंदाज कर रहा है…. । हाल यही रहा तो आने वाले कुछ सालों में शासन के पास केवल शिक्षको की 70 से 80 करोड़ तक कि देनदारी बन जायेगी। जिसे देन में सरकार का पसीना छूट सकता है।सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये

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गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफ़ेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण कुमार नवरंग ने सीजीवाल को चर्चा के दौरान  बताया कि पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग के बीच तकनीकी पेंच है जिसे शासन स्तर पर जब तक सुलझा नही लिया जाता तब तक एरियर्स के विषय पर शासन से जारी आदेश हवा हवाई ही लगेंगे। क्योकि इससे पहले भी एरियर्स देने के लिए पंचायत विभाग ने जानकारी मांगी थी पर हुआ कुछ नही।

कृष्ण कुमार नवरंग ने बताया कि प्रदेश में 1997 व 1998 से कई पंचायत शिक्षक, शिक्षाकर्मी अब संविलियन होकर नियमित हो चुके है। पर वेतनमान में अन्य शासकीय कर्मचारियों जैसी कोई बढोतरी नही हुईं है। शासन ने निम्न पद से उच्च पद पर गए कुछ शिक्षको को वेतन भत्तों की सुविधाएं एरियर्स के रूप में शुरू में दे दी है और कईयों शिक्षको की बाकि है। लेकिन जो एक ही पद में कार्यरत है. उनके लिए आर्थिक लाभ के विषय मे झुनझुना ही दिया है।

जो शिक्षक(एल बी) पंचायत एवं नगरीय निकाय में कार्यरत रहते हुए एक ही पद में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके है। उन्हे 10 वर्ष की पूर्ण तिथि से प्रथम समयमान/क्रमोन्नत वेतन मान के आधार पर पुनरीक्षित वेतनमान का वेतन बैंड और ग्रेड पे में वेतन निर्धारण कर रिवाइज्ड एल पी सी जारी कर दिया जाना चाहिए। 

नवरंग ने बताया कि पंचायत विभाग से  एरियर्स को लेकर हुये आदेश भृम की स्थिति पैदा कर रहे है। जब पंचायत और स्कूल शिक्षा  विभाग में शिक्षको के आर्थिक मसलों पर समन्वय नही बनेगा। तब तक एरियर्स का मुद्दा कागजो में ही झूलता रहेगा। और थक हार कर  अन्त में शिक्षक समुदाय को न्यायपालिका की ही शरण लेनी पड़ेगी।

कृष्ण कुमार नवरंग ने सीजीवाल को बताया कि गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफ़ेयर एसोसिएशन भी एरियर्स के मुद्दे पर गंभीर है.छ.ग.व्यख्याता(पं/एल बी)संघ के प्रदेशाध्यक्ष  कमलेश्वर सिंह ने जो सवाल उठाये है हम भी उसी सवालों के साथ उनके साथ  कदम से कदम मिला कर खड़े है। हमारी मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से मांग है कि इस विषय पर ध्यान दिया जाए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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