शिक्षाकर्मियों के संविलयन-आँदोलन की कहानी,स्कूली बच्चे के प्रोजेक्ट में..अब तो समझो सरकार !!!

Shri Mi
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रायपुर।माँगों को लेकर चर्चा…आंदोलन….धरना…प्रदर्शन…सरकार से वार्ता…बयान…सरकार की हठधर्मिता..आँदोलनकारियों की मजबूरी… जैसी बातें छत्तीसगढ़ के गाँव-गाँव में सरकारी स्कूल के बच्चे रोज सुन रहे हैं।और अपने सामने यह सब घटित होता देख रहे हैं। इसका असर भी उन पर पड़ रहा है। इस तरह के उदाहरण भी सामने आ रहे हैं कि स्कूली बच्चे इसे  अपने प्रोजेक्ट का हिस्सा भी बना रहे हैं। एक ऐसे ही उदाहरण का जिक्र शिक्षा कर्मी संगठन के लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट पर किया है। जिसके मुताबिक एक स्कूल के दसवीं क्लास के  बच्चे  ने सामाजिक विज्ञान के राजनीति शास्त्र खँड में दबाव समूह के प्रोजेक्ट में शिक्षा कर्मी आँदोलन के संघर्ष और संविलयन का भी जिक्र किया है। व्यवस्था के जिम्मेदार लोगों के लिए यह एक संकेत है कि शिक्षा कर्मियों का मुद्दा किस स्तर तक पहुंच गया है ।और इस संकेत को समझकर अब यह तय करने का वक्त आ गया है कि शिक्षा कर्मियों के संविलयन की माँग पूरी होनी चाहिए।
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शिक्षाकर्मी संगठन की ओर से सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट में कहा गया है कि-“शिक्षा कर्मियो के संघर्ष व आंदोलन की कहानी अब जन जन की जुबानी बन गई है ।सत्र 13-14 के 38 दिवसीय आंदोलन तथा वर्तमान सत्र के 15 दिवसीय आंदोलन व विगत 20-22 वर्षो के संघर्ष की दास्तान… अब छत्तीसगढ के हर वर्ग के जेहन मे गूंज रही है।प्रदेश के सबसे बडे कर्मचारी संगठन को अब सभी वर्ग पहचान चुके है।यही कारण है कि अब छात्र समूह भी हमारे आंदोलन व संघर्ष की दास्तान लिखने लगे है।अपने शिक्षक के संघर्ष की पीडा बहुत कुछ इनको भी विचलित कर देती है।इसलिए पिछले आंदोलन मे कई जगह छात्र समूह भी अपने शिक्षको के मांगो के समर्थन मे सड़क पर उतर आंदोलन को समर्थन दिया था।केवल यही नही,,अब यही वर्ग अपने पाठ्यक्रम गत परियोजना कार्य मे दबाव समूह पर किए गए अपने कार्य मे छत्तीसगढ़  शिक्षा कर्मी संघ को दबाव समूह मे सम्मिलित कर पिछले आंदोलन का उल्लेख भी कर रहे है ।इसका ताजा उदाहरण एक संस्था के कक्षा दसवी के  छात्र ने अपने सामाजिक विज्ञान अंतर्गत राजनीति शास्त्र खंड के  प्रायोजना कार्य मे उक्त विषय व आंदोलन का उल्लेख कर प्रायोजना तैयार किया है ।जो चर्चा का विषय बना हुआ है ।
उक्त प्रयोजना मे छात्र ने एक तस्वीर संघ द्वारा  अधिकारियो से चर्चा का भी लगाया है ।जिसमे पिछले आंदोलन के 9 सूत्रीय मांग को लेकर संघर्ष का उल्लेख हुआ है।छात्र ने छत्तीसगढ़  शिक्षा कर्मी संघ को छत्तीसगढ का दबाव समूह बताते हुए नियमित कर्मचारियो की तुलना मे वेतन भत्ते सहित अन्य  सुविधाओ से वंचित,वेतन भुगतान की समस्या, सेवा शर्तो मे सुधार आदि विषय व संविलियन की मांग का जिक्र भी किया है।इस पर छत्तीसगढ़ पंचायत/ नगरीय निकाय  शिक्षक संघ बालोद के जिलाध्यक्ष दिलीप साहू व प्रदेश सहसचिव प्रदीप साहू तथा गुरूर ब्लाकाध्यक्ष सूरज गोपाल गंगबेर तथा जिले के समस्त शिक्षा कर्मियो ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए व सभी की भावनाओ को समझते हुए शीघ्र मांगो पर निर्णय कर संविलियन करने की  मांग शासन से की है।
By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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