रायगढ़।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने एक स्पष्ट आदेश जारी किया है जिसमे जिले के सभी विकास खण्ड अधिकारियों को निर्देशीत किया है कि किसी भी शिक्षाकर्मी से संविलियन के लिए जमा कराए जाने वाले दस्तावेजों में गोपनीय चरित्रावली की मांग नहीं की जानी है। बताते चले कि 1 जुलाई को प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का जिनकी सेवा अवधि 8 वर्ष पूर्ण हो चुकी है संविलियन होना है । और इसके लिए हर जिले के हर ब्लाक में 8 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों से संबंधित दस्तावेज मंगाए जा रहे हैं।
इसमें शिक्षाकर्मियों को पिछले 5 वर्ष का गोपनीय प्रतिवेदन मंगाया जाता है । शिक्षाकर्मियों का इस विषय में कहना था कि 7 वर्ष में समयमान और 8 वर्ष में पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ पाने के लिए उनके द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों में पहले ही हर साल का गोपनीय प्रतिवेदन सौंपा जा चुका है। जो कि जिला पंचायत में ही जमा है ऐसे में फिर से गोपनीय प्रतिवेदन मंगाया जाना कहीं से भी उचित नहीं है ।
अब शिक्षाकर्मियों के संविलियन के लिए 5 साल के गोपनीय प्रतिवेदन की जरूरत नहीं।
शिक्षक खुश शिक्षक नेताओ की पुरानी मांग
शिक्षक इस व्यवस्था से खुश है क्योकि गोपनीय प्रतिवेदन के किये दस्तावेजो का सत्यापन सहित फोटोकापी जमा करना पड़ता और कई चक्कर लगाने पड़ते फिर गोपनीय चरित्रवली बनाने वाले सम्बंधित को भी दस्तवेजो से जूझना पड़ता ओर कागज खर्च करना पड़ता।
प्रदीप पांडेय ने बताया कि रायगढ़ जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्णय का स्वागत है। इस कदम से समय की बचत होगी और शिक्षक बेवजह परेशान नही होंगे इस व्यवस्था को बिलासपुर जिला सहित पूरे प्रदेश में लागू होना चाहिए। ऐसी व्यवस्था प्रदेश के दीगर जिलों में नही है।
शिक्षक नेता आलोक पाण्डेय ने बताया कि एक ही प्रदेश में अलग अलग व्यवस्था चल रही है। प्रदेश के शिक्षाकर्मियों सेजब समयमान वेतनमान के लिए 5 वर्ष का गोपनीय प्रतिवेदन जमा कराया गया है। तो एक वर्ष बाद 8 वर्ष में संविलियन के लिए पुनः 5 वर्ष की गोपनीय चरित्रावली मंगाए जाने के कदम को नाहक परेशान करने वाला है। पूरे प्रदेश में रायगढ जिला पंचायत जैसा आदेश लागू होना चाहिए।
रतनपुर के पर्यावरण प्रेमी और आप पार्टी के नेता विनय जायसवाल ने बताया कि अधिकारी चाहे तो बहुत से कागज बचा सकते है। पर ऐसा कोई करना नहीं चाहता या अधिकारियों को कागज और स्याही की परतें जमा करने का शौक है।रायगढ जिला पंचायत के CEO के एक आदेश से कई पेड़ो की बलि अगर रुक सकती है। तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए और जिससे शिक्षक भी लाभान्वित होंगे।