शिक्षाकर्मियों को अब तक नहीं मिला वेतन,बीजेपी नेता ने कहा -कांग्रेस सरकार में नहीं बदले हालात

Shri Mi
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रायपुर। नए वित्तीय वर्ष की 7 तारीख  खत्म होने को है। 1 तारीख को नियमित शिक्षको LB संवर्ग का वेतनमान संविलियन के बाद मिल जाता है। जिसका अता पता नही है। संविलियन से वंचित चालीस हजार से अधिक शिक्षको का वेतन कब मिलेगी यह तो सोचना ही टेढ़ी खीर है। लगता है वर्त्तमान सरकार का खजाना खाली है।जबकि वित्तीय प्रबंधन के लिए पूर्व की रमन सिंह की सरकार को RBI से सम्मान मिल चुका है।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे 

यह आरोप लगाते हुए पूर्व छात्र नेता और भाजपा नेता कृष्णा कुमार शुक्ला ( दाऊ शुक्ला) ने बताया कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की पूर्व रमन सिंह की कैबिनेट ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए प्रदेश के आठ साल पूरे कर चुके शिक्षा कर्मीयो संविलियन  का ऐतिहासिक निर्णय लिया व संविलियन किया।

और बाकी के बचे शिक्षक जैसे जैसे आठ वर्ष पूर्ण करते  जाते सबका संविलियन होता जाता। पदोन्नति और कामोन्नति भी प्रक्रिया अंतर्गत होते जाती इस व्यवस्था से राज्य सरकार पर एकाएक आर्थिक भार भी नही पड़ता और 24 साल पुराने कांग्रेस के दिये हुए जुगाड़ के अस्थाई पद के शिक्षक नियमित होते जाते।

दाऊ शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के शिक्षको ने सीधे साधे पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी कैबनेट के नेताओ को संविलयन होने के बाद सोशल मीडिया क्या क्या बुरा भला नहीं कहा ।

संविलियन के बाद संविलियन का विरोध देख कर लगता था कि सरकार ने शिक्षको के इतने बड़े समूह का संविलियन न करके अगर किसी अन्य संविदा कर्मियों का संविलियन किया होता तो शायद इतनां विरोध नही होता । पर रमन सरकार ने शिक्षको के हित मे फैसला लिया जिससे शिक्षाकर्मी आज शिक्षक कहे जा रहे है। संविलियन से प्रदेश के शिक्षको का मान सम्मान भी बढ़ा है जिसे झुठलाया नही जा सकता है।

दाऊ शुक्ला ने बताया की वर्तमान कांग्रेस की सरकार के दो महीने पूरे हो गए है। शिक्षको के संविलियन के बाद जैसी स्थिति उस वक़्त थी आज भी वही स्थिति है। परिस्थितियों मे कोई बदलाव नही हुआ है।  उल्टा तनख्वाह कब आएगी पता नही चल रहा है।

कृष्णा कुमार शुक्ला (दाऊ) ने अपील की है कि प्रदेश के शिक्षक स्वयं ज्ञाता है पूर्व और वर्तमान परिस्थितियों ने नज़र डालें दोनो का तुलनात्मक अध्ययन करेंगें तो पाएंगे कि पूर्व सरकार संविलियन तो किया साथ मे संविलियन के तुरंत बाद बढ़ी हुई तनख्वाह भी कोषालय से जारी होना शुरू कर दिया था। यह निर्विवाद संविलियन का सबसे बड़ा सच था। आम शिक्षक यह समझ जायँगे की शिक्षको के जीवन मे असली उजियारा नियमितीकरण किसने लाया है।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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