बिलासपुर।छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनें नये स्थानांतरण नीति 2019 मे कियें गए स्थानांतरण में आम शिक्षको कॊ लाभ कम राजनीतिक दुराग्रह ज्यादा बरसा रहीं है। बरसों से स्थानांतरण की बाट जोह रहें शिक्षकों कॊ निराश किया है। जबकि प्रशासनिक स्थानांतरण कें नाम पर शिक्षकों कॊ राजनीति कें तहत परेशान किया जा रहा है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
प्रदेश मे अपनें परिवार से दूर रहने वालों शिक्षकों कॊ आज भी कोई लाभ नहीँ हुआ सविलियन कें बाद हजारो शिक्षकों कॊ एक उम्मीद जगी थीं की दशको से वनांचल औऱ बीहड़ मे सेवा दें रहें शिक्षक अपनें घर परिवार कें पास आ सकेंगे पर नहीँ हो सका ट्रांसफ़र मे सबसे ज्यादा महिला शिक्षकों कॊ स्थानांतरण का लाभ देंना था। जो मिल नही पाया है।
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यह आरोप लगाते हुए सहायक शिक्षक फेडरेशन के शिक्षक नेता इदरीश खान ने बताया कि प्रदेश के शिक्षक संघ कें विभीन्न पदाधिकारीयो कॊ राजनीतिक दुराग्रह कें तहत प्रशासनिक स्थानांतरण किये गये जो सरकार कें बदले की भावना कॊ दर्शाती है। स्थानांतरण कें विरुद्ध अपील औऱ संसोधन की माक़ूल व्यवस्था नहीँ होने उचित मंच उपलब्ध नहीँ होंने कें कारण भी स्थानांतरण नीति 2019 कारगर नहीँ रहीं स्थानीय सत्ता पक्ष कें नेताओ कें इशारे पर जिलें मे स्थानांतरण हुआ जिसमें नियमों कॊ दरकिनार कर शिक्षकों कॊ परेशान होना पड़ा है।
इदरीश खान ने बताया कि जबरिया स्थानांतरण कर संघीय पदाधिकारी यो मे रोष है फ़ेडरेशन कें कई जिलाध्यक्षों जिनमें गरियाबन्द , सरगुजा सहित कई संगठनों कें नेताओ कॊ स्थानांतरण किया गया जो गलत हुआ वास्तविक स्थानांतरण चाहने वालों कॊ ना देकर लाभ से वंचित रखा गया ।
वतर्मान हुए स्थानांतरण पर अपना पक्ष रखते हुए
सहायक शिक्षक फेडरेशन के शिक्षक नेता अश्वनी कुर्रे ने बताया कि बेवजह बिना सहमति के किसी कर्मचारियों का जबरिया स्थानांतरण किसी भी लिहाज से उचित नही है।
अगर कोई भी कर्मचारी /शिक्षक गलत कार्य करे ,अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही करे तो शिकायत के उपरांत जांच होने के बाद यदि कर्मचारी के विरुद्ध जांच रिपोर्ट आये तो ही स्थानांतरण उचित होता पर प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण शिक्षको के समझ से परे है।
अश्वनी ने बताया कि जिसको स्थानान्तरण की जरूरत है उसका स्थानांतरण नही हुआ अलबत्ता जिसे स्थानांतरण की जरूरत नही था उसे जबरिया प्रशासनिक स्थानांतरण कर दिया गया है। प्रदेश में हुए स्थानांतरण के नियम नीति संगत नज़र नही आते है।
चूंकि प्रदेश में कर्मचारी नेता जिसे शासन के नियमानुसार जो अध्यक्ष सचिव जैसे पद में है, जिसका जबरिया ट्रांसफर नही करने का नियम है इस नियम को ताक में रखकर ऐसे कर्मचारी नेताओं का ट्रांसफर किया गया है ,जो उचित नही है।