शिक्षाकर्मियों में बढ़ रहा असंतोष,बार-बार क्यों मंगाए जा रहे दस्तावेज…?

Shri Mi
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बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के 8 साल से अधिक के  शिक्षाकर्मीयो का शिक्षक पंचायत संवर्ग का संविलियन सम्भवतः 1 जुलाई से होना है। शासन की ओर से जो दिशा निर्देश दिये गए है।उसके अनुसार कुछ दस्तावेजो कि स्वप्रमाणित छायाप्रति जमा करनी है। जैसे कि ई-कोष हेतु पंजीयन फॉर्म ,प्रथम नियुक्ति आदेश, कार्यभार ग्रहण प्रतिवेदन, नियमितिकरण आदेश, स्थानांतरण आदेश, कार्यमुक्त एवं कार्यभार ग्रहण प्रतिवेदन (जितने बार भी स्थानांतरण हुआ है) ,युक्तियुक्तकरण आदेश, कार्यभार /कार्यमुक्ति,पदोन्नति आदेश, कार्यभार/कार्यमुक्ति ,समयमान आदेश,पैन कार्ड,आधार कार्ड, प्रान कार्ड,शैक्षणिक योग्यता की अंकसूचियां,(हाई/हा. से./स्नातक/स्नातकोत्तर/बीएड/ded/Tet/बीपीएड आदि) , उच्च परीक्षा हेतु अनुमति,चल-अचल संपत्ति की 6 वर्ष की जानकारी मांगी जा रहीं है।

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जिला मीडिया प्रभारी छ.ग.पं./न. नि. शिक्षक संघ बिलासपुर जिला मीडिया प्रभारी प्रदीप पांडे ने बताया कि जो शिक्षाकर्मी 8 वर्ष पूरा कर रहे हैं।और उनका संविलियन होना है। उनसे पहले भी समयमान वेतनमान,एवम् पुनरीक्षित वेतनमान के लिए ये सारे दस्तावेज मंगाए जा चुके हैं।और इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर उनका समयमान एवं पुनरीक्षित वेतनमान स्वीकृत किया गया है। ऐसे में फिर से बार बार शिक्षाकर्मियों से ये सारे दस्तावेज मंगवाना उचित नहीं है।
जिन शिक्षा कर्मियों को समयमान वेतनमान प्रदान किया जा रहा है उनसे एक वर्ष का गोपनीय चारित्रावली एवं ई- कोष हेतु पंजीयन फार्म व चल -अचल संपत्ति की जानकारी भरवाकर तथा जिन्हें पुनरीक्षित वेतनमान प्रदान किया जा रहा है। उन्हें केवल ई – कोष पंजीयन फार्म व चल -अचल सम्पत्ति का ब्योरा भरवाकर संविलियन किया जाना चाहिए।
By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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