रायपुर । मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी शिक्षा कर्मियों के संविलयन की सुगबुगाहट के बीच इसे लेकर शिक्षा कर्मियों के बीच भी हल-चल शुरू हो गई है। अलग-अलग वर्ग के शिक्षा कर्मियों के बीच इस बात को लेकर चर्चा है कि संविलयन का स्वरूप कैसा होगा …। और कई तरह के सवाल भी हैं- मसलन क्या मध्यप्रदेश की तरह सभी शिक्षा कर्मियों का संविलयन होगा या 8 साल की सर्विस पूरी नहीं करने वालो को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी इस तरह के पोस्ट घूम रहे हैं। इस सिलसिले में पं./न.नि. सहायक शिक्षक कल्याण संघ के प्रवक्ता का भी एक पोस्ट आया है। जिसमें उन्होने सभी शिक्षा कर्मियों के संविलयन पर जोर देते हुए 8 साल से कम सर्विस वाले शिक्षा कर्मियों को अपने हक के लिए एकजुट होने की अपील की है।
शिक्षा कर्मियों के संगठन पंचायत / नगरीय निकाय शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश शर्मा ने लिखा है कि कुछ दिनो से मीडिया मे यह न्यूज वायरल हो रहा है कि शिक्षाकर्मियो का संविलियन होगा,,..शासन अगर सही मे हम लोगो का संविलियन करती है तो यह बहुत ही अच्छा बात है…. हम भी शिक्षक ही है…..। संविलियन की बात जहां आ रही है वहां पर 8 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियो का संविलियन करने का बात कही जा रही है….। अखिलेश शर्मा ने सवाल किया है कि क्या 8 साल से कम सेवावधि वाले क्या कम योग्य है या संविलियन के लायक नही है…. ? साथ ही कहा कि जब मध्यप्रदेश मे सबका संविलियन हो सकता है तो छत्तीसगढ़ मे 8 साल का बंधन क्यो …. ? अगर शासन द्वारा संविलियन के लिये कोई समय सीमा बंधन की बात आती है तो यह पूरी तरह गलत है। हर संगठन को इसके लिये सामने आना चाहिये..। यह 8 साल से कम वाले साथियो के साथ पूरी तरह अन्याय होगा।
उन्होने लिखा है कि सभी प्रान्त प्रमुख खुल कर सामने आयें और अपना रूख स्पष्ट करें। सभी को समान रूप से लाभ मिले तभी संविलियन की राह मे आगे बढ़े। उन्होने 8 वर्ष से कम सेवावधि वाले समस्त शिक्षा कर्मियों से निवेदन किया है कि अब समय चुप बैठने का नही है। अगर कल हमें हमारा अधिकार संविलियन ना मिले तो केवल पछताना पड़ेगा…..। सभी एकजुट हो,और शासन तक ये बात पहुंचाने कमर कस ले…..। उन्होने 8 साल से कम सेवावधि वाले समस्त शिक्षक पंचायत संवर्ग साथियों से एकजुट होकर आगे आने की अपील की है।साथ ही लिखा है कि अभी नही तो कभी नही….. की तर्ज पर एकजुटता के साथ इस मुहिम में शामिल होना होगा। जिससे संविलयन की लड़ाई में हमारी जीत हो।