शिक्षाकर्मी नेताओं की शासन से मांग…दस्तावेजी प्रक्रिया को करें दूर…अन्यथा संविलियन में होगी बेवजह देरी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर–संविलियन की प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण को सरल किया जाए। शिक्षकर्मी नेता संजय शर्मा ने बताया कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के शिक्षा और ट्राइबल विभाग में संविधान की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। राज्य शासन ने विभिन्न प्रकार के निर्देश भी जारी किए हैं। प्रतिदिन प्रक्रिया की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। शिक्षक नेता ने बताया कि संविलियन और दस्तावेजी की प्रक्रिया बहुत जटिल है। शासन से  मांग है कि प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।

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           संजय शर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों के फिछले  6 सालों का गोपनीय प्रतिवेदन चाहा गया है। शिक्षाकर्मियों की सेवाएं शिक्षा विभाग को हस्तांतरित किया जाना है। जबकि पुरानी सेवा पुस्तिका को ही नियमिति किया जाना है।  जबकि पिछले वर्षों तक शिक्षाकर्मियों के गोपनीय प्रतिवेदन और सेवा सत्यापन के आधार पर समयमान वेतनमान, पुनरीक्षित वेतनमान और वार्षिक वेतन वृद्धियाँ स्वीकृत की गई है। जिसका अंकन संबंधित के सेवा पुस्तिकाओं में भी किया गया है। इसके बाद भी पिछले सालों के गोपनीय चरित्रावली मांगे जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए संविलियन में केवल पिछले साल का ही गोपनीय चरित्रावली मांगी जाए।

        संजय शर्मा ने बताया कि कई जिलों अथवा विकासखंडों में शिक्षाकर्मियों के सेवा से संबंधित समस्त दस्तावेज नियुक्ति पत्र स्थानांतरण कार्यभार ग्रहण शैक्षणिक योग्यता संबंधित प्रमाण पत्र इत्यादि पुनः मांगे जा रहे हैं। जबकि मांग गए सभी दस्तावेज संबंधित शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका में दर्ज है। व्यक्तिगत नस्ती में उपलब्ध दस्तावेजों को पुनः मांग कर शिक्षाकर्मियों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। इसके लिए संबंधित समस्त जानकारियों को लेकर एक डाटा फॉर्मेट निर्धारित किया जाए। भरकर संबंधित शिक्षाकर्मी कार्यालय को जमा करें। इनका सत्यापन संबंधित शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिका और व्यक्तिगत नस्ती में उपलब्ध दस्तावेजों से करने के बाद संविलियन आदेश जारी किए जाएं।

                संजय शर्मा ने बताया कि संविलियन के लिए जारी दिशा निर्देश में शिक्षाकर्मियों के सेवा पुस्तिकाओं का स्थानीय संपरीक्षा निधि से सत्यापन के उपरांत ही संविलयित पद पर वेतन निर्धारण की कार्रवाई की जाने की बात है। जबकि अधिकांश जिलों में यह कार्य अपूर्ण और प्रारंभिक अवस्था में है। इसलिए सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों शिक्षा अधिकारियों को तत्संबंध में स्पष्ट और समयबद्ध कार्यक्रम निर्धारित कर सेवा पुस्तिकाओं के सत्यापन के निर्देश जारी किए जाएं । पिछले 6 सालों के अचल संपत्ति के ब्यौरे की जगह संबंधित व्यक्तियों से वर्तमान में धारित समस्त अचल संपत्तियों के ब्योरे के साथ घोषणापत्र लिया जाए ।
छत्तीसगढ़ (पं/न.नि.) शिक्षक मोर्चा के प्रदेश संचालक एवं छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा और प्रदेश सह संचालक हरेंद्र सिंह, देवनाथ साहू, बसंत चतुर्वेदी, प्रवीण श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनोज सनाढ्य, शैलेन्द्र पारीक, सुधीर प्रधान, विवेक दुबे ने  संविलियन के क्रियान्वयन पर संतोष जाहिर किया है। शिक्षक नेताओं ने कहा कि केबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने सरल और सुगम प्रक्रिया अपनाते हुए शीघ्रता से संविलियन की प्रक्रिया पूर्ण करनें के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके प्रक्रियात्मक जटिलताएं बढ़ती जा रहीं हैं। शिक्षकों का निवेदन है कि बिंदुओं पर संविलियन की प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया सरल किया जाए। तारी निर्धारित समय में संविलियन का काम पूरा हो सके।

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