बिलासपुर—- शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने लाखों गुरूजी लोगों में नया साल में शासन की तरफ से तोहफा मिलता नजर आ रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त संचालक (वित्त) जे.पी. तिवारी ने आदेश जारी कर प्रदेश के सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को निर्देश दिया है कि आठ साल की सेवा पूरी कर चुके सभी शिक्षक (पंचायत संवर्ग) को शेष बची कुल राशि की जानकारी 6 जनवरी को उपलब्ध कराएं। आदेश की जानकारी मिलने के बाद लाखों शिक्षकों के चेहरे खिल गए हैं।
छतीसगढ़ नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित कुमार नामदेव ने बताया कि जुलाई 2018 से जुलाई 2019 तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में आठ साल की सेवा पूरी कर चुके लाखो शिक्षा कर्मियों का संविलियन शिक्षा विभाग में किया जा चुका है। लेकिन शिक्षाकर्मी के रूप में पदस्थ रहने के दौरान प्रदेश के लाखों शिक्षको का करोड़ो रूपये शासन के पास लंबित हैं। लंबित राशि मे शिक्षा कर्मियों के विभिन्न प्रकार के प्रदाय राशि शामिल हैं। इसमें प्रमुख रूप से समयमान और पुनरीक्षित वेतनमान के एरियर्स के अलावा परिवीक्षा अवधि के दौरान वार्षिक वेतनवृद्धि का एरियर्स शामिल है। साथ ही अतिरिक्त तात्कालीन समय में मिलने वाले अन्य स्वायतो का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। प्रदेश स्तर पर यह राशि कई करोड़ो रूपयों में होगी
अमित नामदेव ने बताया कि शिक्षाकर्मी से शिक्षक बनने और समय गुजरने के बाद भी शेष राशि का एरियर्स भुगतान ना होने से शिक्षको को आर्थिक नुकसान हो रहा है। कुछ शिक्षको को लाखो में मिलने वाली राशि मे हजारो रुपये ब्याज का उन्हें नुकसान होना निश्चित है। यदि शिक्षको को समय पर राशि मिल जाती तो तात्कालीन समय काफी कुछ बड़ी समस्याओं परेशानियों का उन्हें सामना नहीं करना पड़ता.।
शिक्षाकर्मी नेता नामदेव ने बताया कि संविलियन के बाद सभी शिक्षाकर्मी अब शिक्षक बन चुके हैं। शिक्षा विभाग के आधीन काम काज करना भी शुरू कर दिया है। लेकिन समय गुजरने के साथ शिक्षकों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व कार्यकाल की राशि का भुगतान आज तक नहीं हुआ है। जिसका भुगतान जल्द से जल्द किया जाना जरूरी है। ऐसे में इस प्रकार का आदेश निश्चित रूप से शिक्षकों के घाव पर मरहम लगाने का काम करेगा।
अमित ने बताया कि शिक्षकों को लंबित एरियर्स प्रकरणों का भुगतान संबंधित मामलों में संघ ने मुख्यमंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री से मिल सकारात्मक चर्चा की थी। साथ ही लिखित में आवेदन पेश कर वस्तुस्थिति से नवीन शिक्षाकर्मी संघ ने अवगत भी कराया था।