शिक्षा कर्मियों के तबादले में पारदर्शिता नहीं, आवेदन नहीं करने वालों का भी हो गया ट्रांसफर

Shri Mi
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बिलासपुर।शिक्षाकर्मी संघ खुली स्थानांतरण नीति चाहते थे । तबादला नीति  एक बड़े संघर्ष का परिणाम लेकिन वर्तमान मे जो जिला स्तर मे शिक्षको का तबादला हुआ है। उससे आम शिक्षक और शिक्षक संघ सहमत नज़र नहीं आते है। शिक्षक संघ और शिक्षक इशारों में बताते है कि पुरे प्रदेश में शिक्षको ने तबादले के लिए अपने मेहनत की अच्छी खासी कमाई खर्च की है। और जो किस्मत भरोसे रहे उनके आवेदनों रद्दी में फेंक दिया गया है।सीजीवाल डॉटकॉम के whatsapp group से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास सिंह राजपूत सीजीवाल डाट काम को स्थानांतरण नीति पर चर्चा करते हुए बताते है कि शिक्षको की तबादला सूची देखकर स्पष्ट पता चलता है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नही बरती गई है। स्वेच्छा से मांगे गये जगह पर शिक्षको की पदस्थापना कर ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलो को खाली कर दिया गया है। और शहर व शहर के आसपास के स्कूलो मे शिक्षको की संख्या दर्ज संख्या से अधिक है।

विकास राजपूत ने बताया कि  प्रशासनिक स्थानांतरण के  नाम पर शिक्षको को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का प्रयास किया गया है, जो शिक्षक तबादला के लिए आवेदन ही नही किये थे। ऐसे शिक्षको को प्रशासनिक स्थानांतरण  उनके गृहग्राम से 40 से 50 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्रो मे कर दिया गया है।

कई जगहों पर उनकी जगह स्वेच्छा से जिन  शिक्षको ने आवेदन दिया था या प्रशासनिक आधार  पर तबादला करते हुए उन्हें आसपास व गृहग्राम के स्कूलो मे पदस्थ कर दिया गया।

विकास ने बताया कि प्रदेश में स्वेच्छा से स्थानांतरण चाहने वालो को तो नियमो को दरकिनार कर स्थानांतरण किया गया है। जैसे एक ही स्कूल के तीन चार शिक्षको का स्थानांतरण कर स्कूल को शिक्षक विहीन कर दिया है,दुर्ग सहित दस जिलो मे निखार के अंतर्गत पढ़ाई चल रहा है जिसमे विषय के आधार पर प्रशिक्षण देकर शिक्षको को शिक्षा मे गुणवत्ता सुधारने की जिम्मेदारी दिया गया है, लेकिन विषय विशेषज्ञ शिक्षको का स्थानांतरण कर उनके स्थान पर किसी भी शिक्षको की पदस्थापना न कर सम्बन्धित विषय की पढ़ाई को चौपट कर दिया गया है। जिससे सीधा नुकसान ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलो के बच्चो को हो रहा है,

विकास राजपूत ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आम लोगो के बीच से आये है। हम उनसे माँग करते है कि उन्हें इस मामले पर संज्ञान लेकर नियम विरुद्ध किये स्थानांतरण की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करना चाहिए। और प्रशासनिक स्थानांतरण से प्रताड़ित होने वाले शिक्षको का स्थान्तरण रद्द किया जाना चाहिए। तभी  शिक्षको के साथ न्याय होगा।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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