बिलासपुर।प्रदेश के शिक्षाकर्मी (शिक्षक LB संवर्ग) के लिए खुली स्थानांतरण नीति संविलियन के बाद दूसरी बड़ी सौगात थी प्रदेश के शिक्षाकर्मी (शिक्षक LB संवर्ग) ने खुले दिल से स्वागत किया लेकिन इस व्यवस्था में हुए प्रशासनिक स्थानांतरण ने सरकार और शिक्षको के मध्य कड़वाहट घोल दी है।
प्रशासनिक आधार पर हुए स्थानांतरण में कई शिक्षक LB को खो…कर दिया गया है। हुए इस खो खो… के खेल से प्रदेश के शिक्षक और उनके परिजन इस सरकारी प्रक्रिया से बहुत नाराज है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
प्रदेश में लगभग सभी जिलों अब तक वर्ग तीन और वर्ग दो के शिक्षक, सहायक शिक्षको और उच्च वर्ग के ई संवर्ग, टी संवर्ग के शिक्षको का प्रशासनिक आधार पर हुए स्थानांतरण हुुुए है। दूसरे जिलों में तीनो वर्ग के स्थानांतरण का शिक्षक इंतजार कर रहे है। वही प्रदेश स्तर पर व्याख्याता वर्ग के स्थानांतरण की सूची आना बाकि है।
प्रदेश के जिला कलेक्टर कार्यलयों से जारी हुए शिक्षा कर्मीयो के स्थानांतरण आदेश में प्रशासनिक आधार बात कर जिन शिक्षको को खो…. खो…. किया गया है उसके आधार क्या है यह चिंता और चर्चा का विषय है…!
और बड़े ही मजेदार बात यह है कि शिक्षक नेता और राज्य के विपक्ष के राजनीतिक दल इस प्रशासनिक स्थानांतरण का बड़े स्तर में विरोध नही कर रहे है। …यह सवाल आम शिक्षक और उनके परिजन सोशल मीडिया तक मे उठा रहे है।
जिनका संविलियन नही हुआ है उन्हें छोड़ कर स्वेच्छिक और आपसी स्थानांतरण के लिए जिन शिक्षको ने आवेदन दिया था उस आधार पर पूरे प्रदेश में स्थानांतरण हुए है। शासन ने शिक्षको के आवेदन के अलावा एक कालम में प्रशासनिक आधार पर भी स्थानांतरण में जोड़ दिया हैं ..! यही विवाद का कारण बनता दिखाई दे रहा है।
यही से खो… खो…का खेल शुरू हो रहा है। शहर से नजदीक की शालाओं में पढ़ा रहे महिला शिक्षको तक को प्रशासनिक आधार पर उत्तर के कोने से दक्षिण के कोने में कर दिया गया है। शिक्षक संघो के कई पदाधिकारी को भी खो कर दिया गया है। अब तक जारी शिक्षको की स्थानांतरण सूची में प्रशासनिक आधार हुए स्थानांतरण में खो खो के खेल को आसानी से देखा जा सकता है।