जगदलपुर । शिक्षा कर्मियों की पदोन्नति में जिला पंचायत की ओर से की गई गड़बड़ी के खिलाफ शिक्षक पंचायत एम्प्लॉइस एसोसिएसन बस्तर की अनिश्चित कालीन हड़ताल 43 वें दिन भी जारी रही। इस सिलसिलें में जाँच के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर गठित 4 सदस्यीय कमेटी का कार्यकाल भी पूरा हो गया है। लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस पर गहरी आपत्ति दर्ज कराई है । उन्होने इस सिलसिलें में एक स्मरण पत्र भी भेजा है । संगठन ने आरोप लगाया है कि सरकार अनुसूचित जाति-जनजाति के प्रति सजग नहीं है। संगठन ने पदोन्नति सूची निरस्त होने तक अपनी बेमुद्दत हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है।
संगठन के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने बताया की जिला पं बस्तर में सहायक शिक्षक पं से शिक्षक पं के पदोन्नत्ति आदेश 21जून 2017 में पदोन्नत्ति नियम व भर्ती नियम के विपरीत आदेश जारी किया गया था। इसके विरोध के 8 माह बाद मुख्य सचिव के अध्यक्षता में आयोजित बैठक 16 मार्च को मंत्रालय में मुद्दा उठाये जाने पर 4 मई को 4सदस्यीय जांच दल का गठन कर 15 दिन में प्रतिवेदन पंचायत विभाग को देने निर्देश दिया गया था । जांच समिति ने जांच प्रतिवेदन देना तो दूर। जांच करने बस्तर जाना ही उचित नही समझा और समयावधि ही खत्म हो गई । जांच समिति की निष्क्रियता का फल जिला पंचायत बस्तर के योग्य व वरिष्ठ अनु जनजाति के शिक्षक पंचायत भुगत रहे है । संघ ने पुनः अपर मुख्य सचिव पंचायत को पत्र लिखकर जांच कमेटी को बस्तर जाने निर्देश देने का निवेदन किया है ।
ज्ञात हो आरक्षण नियमो के विपरीत आदेश की शिकायत मुख्यमंत्री रमनसिंह की विकास यात्रा में मिलकर कर दी गई है और sc st शिक्षक पंचायत हक की लड़ाई हेतु 11 अप्रैल से विद्यालयीन कार्य के बाद अनिशिश्चित कालीन हड़ताल पर है । जो आज भी अनवरत जारी है आंदोलन के दौरान 25 अप्रैल को जल सत्याग्रह इन्द्रावती नदी में किया गया । जिस पर पूरा प्रशासन हलाकान रहा ।
संघ के उप प्रांताध्यक्ष एम के राणा व अन्य पदधिकारीरियो ने राज्य शासन पर अनुसूचित जाति जनजाति केअधिकारो के प्रति अनदेखी करने का आरोप लगाया है और 43वे दिवस के बाद भी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है ।