शिक्षाकर्मियों को समय पर तनख्वाह देने के फरमान का क्या हुआ…?राजधानी में चना बूट बेचने पर मजबूर महिला शिक्षा कर्मी…

Chief Editor
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रायपुर।   छत्तीसगढ़ के शिक्षा कर्मियों को पिछले कई महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है। जिससे उनके परिवार की हालत बिगड़ रही है। इस बारे में समय – समय पर संगठनों की ओर से आवाज उठाए जाने पर समय पर वेतन देने के लिए प्रदेश स्तर से कई बार निर्देश जारी किए जाने की खबरें आती रहीं हैं। लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही रहा है। अब हालत यह हो गई है कि राजधानी रायपुर में भी अपने परिवार के लिए महिला शिक्षा कर्मी को चना बूट बेचना पड़ रहा है।आदमी की मजबूरी क्या से क्या करवा सकती है ….इसका नजारा  रायपुर मे देखा जा सकता  है,  जहाँ जिला/जनपद पंचायत के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षाकर्मियों को दिसम्बर माह से वेतन भी नसीब नही हुआ है और आज फरवरी माह प्रारम्भ हो चुका है । शिक्षाकर्मियों के पास अपने घर परिवार के लिए राशन का व्यवस्था,बच्चो की इलाज व दैनिक वस्तुओ की इंतजाम करने का एकमात्र सहारा वेतन है और वेतन नही मिलने से शिक्षाकर्मियों की माली हालात बिगड़ चुकी है ।

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जिसके कारण शिक्षाकर्मियों को भारी आर्थिक व मानसिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। अब नौबत यहां तक आ गई की कई शिक्षाकर्मी अन्य कार्य करने अपने अधिकारियो के पास अवकाश के लिए आवेदन दे रहे है। वही रायपुर जिला मे कार्यरत नवीन शिक्षाकर्मी संघ महिला अध्यक्ष गंगा शरण पासी अपने परिवार के भरण पोषण,बच्चो के इलाज हेतु राशि की इंतजाम व अपने स्कूल जाने के लिए ईंधन की व्यवस्था के लिए दूसरो से कर्जा लेने के बजाय अपना कुछ समय निकाल कर चना बूट बेचने पर मजबूर हो गये है और यही स्थिति रही तो आने वाले कुछ दिनों मे शिक्षाकर्मियों को विकट आर्थिक समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है ।




वेतन को लेकर सरकार के निर्देशों का कोई असर नहींः विकास राजपूत
छत्तीसगढ़ षिक्षक पंचायत /नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक विकास राजपूत ने कहा कि   छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री के निर्देश की 5 तारीख तक प्रदेश मे कार्यरत शिक्षाकर्मियों को किसी भी हालात मे वेतन भुगतान कर दिया जाय जिस आज तक अमल नही होना बहुत ही दुर्भाग्य जनक है। साथ ही कुछ दिनों पहले मुख्य सचिव ने वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला पंचायत सीईओ को किसी भी हालात मे कोई भी मद से शिक्षाकर्मियों को अनिवार्य रूप से फरवरी के प्रथम सप्ताह तक वेतन का भुगतान करने का निर्देश जारी किया है। लेकिन इस निर्देश का भी कोई प्रभाव पड़ता नही दिख रहा है। क्योकि अधिकांश जिला पंचायत मे वेतन भुगतान हेतु राशि ही नही है।वेतन नही मिलने से प्रदेश के शिक्षाकर्मी मजबूरी वश अपने परिवार के भरण पोषण व बच्चो के इलाज के लिए अन्य कार्य करने पर मजबूर होंगे ।

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