रायपुर । छत्तसीगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मियों की मांगों और समस्याओँ पर विचार करने के लिए मुख्यसचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की ओर से अब तक रिपोर्ट नहीं सौंपे जाने को लेकर शिक्षा कर्मियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर शिक्षा कर्मी मोर्चा ने 26 मई को प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में संविलयन संकल्प सभा आयोजित करने का फैसला किया है। जिसकी सफलता के लिए बड़े पैमाने पर तैयरियां की जा रही हैं। जिससे सरकार पर दबाव वनाया जा सके ।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष व शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के सह संचालक प्रकाश चन्द कांगे,रूपेंद्र सिन्हा, ब्रिज नारायण मिश्रा,अमित नामदेव व सतीश टण्डन ने कहा है की 20 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक चली 15 दिनों के आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव के अध्यक्षता मे शिक्षाकर्मियों के नौ सूत्रीय मांगो के सम्बन्ध मे कमेटी गठित कर तीन महीने अंदर शासन को रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया । लेकिन तीन महीने के अंतर्गत मुख्य सचिव के अध्यक्षता वाली कमेटी शासन को रिपोर्ट सौपने मे असफल रही । जिसके बाद शासन द्वारा कमेटी का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ा दिया गया ।
प्रदेश महासचिव अजय कड़व व राजेश शुक्ला ने आगे बताया की कमेटी का कार्यकाल एक माह के लिए बढ़ाने के बाद शिक्षाकर्मी संगठनों के साथ कमेटी की बैठक हुई । जिसमे कमेटी के सदस्यो ने सात संघ प्रमुख के प्रस्ताव व सुझाव को सुना । जिसमे मोर्चा के तरफ से केदार जैन व चन्द्र देव राय ने बात रखते हुए राजस्थान,मध्यप्रदेश सहित विभिन्न राज्यो मे पैरा शिक्षको का संविलियन शिक्षा विभाग मे किया जाता है । ऐसे राज्यो के तथ्य दस्तावेज के माध्यम से कमेटी के सदस्यो को उपलब्ध कराते हुए छत्तीसगढ़ मे भी संविलियन की प्रक्रिया प्रारम्भ करने की मांग को प्रमुखता से रखा । आगे बात रखते हुए प्रदेश महामंत्री अमिताभ सरकार,रविंद्र शर्मा व संजय साहू ने कहा की कमेटी मोर्चा द्वारा सौपे गये दस्तावेज का परीक्षण करने के बजाय एक अध्ययन दल राजस्थान भेज दिया गया ।
वहां से अध्ययन दल अपनी रिपोर्ट कमेटी को सौपने के बाद कमेटी पुनः शिक्षाकर्मी संगठनों के साथ बैठ कर अन्य शेष संगठनों की बात को सुना । जिस पर मोर्चा के तरफ से संजय शर्मा,वीरेंद्र दुबे व विकास सिंह राजपूत ने बात रखी और वेतन विसंगति मे सुधार करते हुए समस्त शिक्षाकर्मियों का पंचायत विभाग से शिक्षा विभाग मे संविलियन कर अन्य शासकीय कर्मचारियो की तरह वेतनमान,भत्ते सहित अन्य सुविधा को प्रदान करने की मांग को प्रमुखता से रखी । राजस्थान से अध्ययन दल के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मांग की । लेकिन कमेटी अध्ययन दल के रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के स्थान पर अपर मुख्य सचिव के अध्यक्षता मे पुनः एक दल बनाकर मध्यप्रदेश मे प्रक्रियाधीन संविलियन नीति की समीक्षा कर आगे उचित कार्यवाही की बात कही । जिसका मोर्चा के पांचो संचालको विकास सिंह राजपूत,संजय शर्मा,केदार जैन,वीरेंद्र दुबे व चन्द्रदेव राय ने खुलकर विरोध किया व बैठक मे मौजूद अन्य संघ ने कमेटी के हां मे हां मिलाया तो कुछ मौन साधे रहे ।
प्रदेश सचिव गिरीश साहू, संगठन मंत्री अभिनय शर्मा,कोषाध्यक्ष अमितेश तिवारी,प्रवक्ता दुष्यंत कुम्भकार व मीडिया प्रभारी मनोज चन्द्रा ने कहा की अध्ययन दल मध्यप्रदेश जाकर लौट आई है । परन्तु आज तक राजस्थान व मध्यप्रदेश में किए गए अध्ययन की रिपोर्ट कमेटी के पास नही पहुंच पाई है । जिससे कमेटी अपना रिपोर्ट शासन तक समय पर पहुचाने विफल रही । जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों मे भारी आक्रोश है । जिसके कारण मोर्चा द्वारा 11मई को महापंचायत कर 26 मई को विधानसभा संविलियन संकल्प सभा करने का एलान किया है । जिसमे पूरे प्रदेश के शिक्षाकर्मी अपने अपने विधानसभा मुख्यालय मे उपस्थिति प्रदान कर वेतन विसंगति को दूर करते हुए संविलियन कर अन्य शासकीय कर्मचारियो की तरह वेतनमान,भत्ते व अन्य सुविधा जल्द से जल्द प्रदेश के समस्त शिक्षार्मियो को प्रदान करने की मांग को प्रमुखता से सरकार व समाज तक पहुंचाएंगे।