रायपुर । छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षा कर्मियों के संगठन की ओर से संविलयन- शासकीयकरण सहित 9 सूत्रीय माँगों पर आगे की रणनीति बनाने के लिए 11 मई को राजधानी रायपुर में शिक्षा कर्मियों की महापंचायत बुलाई गई है। जिसमें मुख्य रूप से इस बात पर चर्चा होगी कि अब संविलयन या सरकार……। इस अहम् बैठक को लेकर सभी ओर हल-चल मची हुई है।लोग इसे लेकर शिक्षा कर्मियों को गुमराह करने की कोशिश भी कर रहे हैं। लेकिन संगठन के लोग तत्पर हैं और प्रदेश भर के शिक्षा कर्मियों से इस मुहिम में शामिल होकर अपनी ताकत दिखाने का आह्वान किया जा रहा है।
प्रांताध्यक्ष-प्रदेश शिक्षक पंचायत संघ (छग.) और प्रदेश संचालक- शिक्षक पं.न.नि.मोर्चा चंद्रदेव राय ने कहा है कि शिक्षक पंचायत / नगरीय निकाय .मोर्चा ने जैसे ही शिक्षक पंचायत (संवर्ग) की मांगों को लेकर सरकार को घेरने के लिए महापंचायत बुलाई क्या ?वही सत्ता दल सहित अन्य शिक्षाकर्मी संगठन , जिसे आंदोलन से कोई मतलब नही है, ऐसे लोगों में एक तरह की हलचल मच गई है ।एक पुरानी कहावत है खिसयानी बिल्ली खंम्भा नोचे की तरह चरितार्थ होते दिख रहे है ये लोग सरकार को भला बुरा करने के अलाव अपने ही शिक्षाकर्मी संगठन को भला बुरा करने लगे है।कई संगठन सरकार के इशारे पर चटुकारिता करते दिख रहे ।उन्होने कहा कि यह तो देखना चाहिए कि आखिर मोर्चा ने महापंचायत क्यों बुलाई यह जानने के अलावा शिक्षाकर्मियों को गुमराह कर ,आंदोलन को कमजोर करने में लगें हैं । महापंचायत के पीछे मोर्चा का आखिर एजेंडा क्या है…
शिक्षक पंचायत न.नि.मोर्चा के प्रदेश संचालक चंद्रदेव राय ने बताया की आज प्रदेश के शिक्षा कर्मी ठगा सा महसूस कर रहे है । जो सरकार 90 दिनों के भीतर शिक्षा कर्मियों के हितों में रिपोर्ट सौपने वाली थी आखिर पांच माह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट क्यों नहीं सौपी गई । आखिर क्यों कमिटी राजस्थान व मध्य प्रदेश दौरे के नाम पर गुमराह किया जा रहा है । आखिर क्यों शिक्षाकर्मियों को तीसरे महिने होने जा
रहे है वेतन नही दिये गये ?आखिर क्यों अनुकंपा नियुक्ति नही दिये जा रहें है । पूरे प्रदेश में 650लोग आज घर से बेघर हो गयें… आखिर सरकार और कितने लोगों की जान लेने के बाद फैसला लेगी ।
चँद्र देव राय ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा कर्मी मजबूर, पीडि़त ,परेशान होकर अपने हक -अधिकार व सम्मान के लिए 11मई को महापंचायत करने ऐलान किया है।सरकार की हठधर्मिता,तानाशाही,व वादाखिलाफी विरुद्ध अब अंतिम लडा़ई का शंखनाद हो चुका है।प्रदेश की सभी आम शिक्षक साथियों से आग्रह है कि आप अपने हितों की खातिर प्रत्यक्ष रुप से सहभागिता निभायें ।