[wds id=”13″]
रायपुर । छत्तीसगढ़ में कैबिनेट की बैठक में हुए शिक्षा कर्मीयो के संविलियन के निर्णय के बाद शिक्षा कर्मीयो का सोशल मीडिया प्लेटफार्म काफी एक्टिव हो गया है। प्रदेश में हुए संविलियन को लेकर सोशल मीडया में तर्क और कुतर्क का घमासान मचा हुआ है। कोई पक्ष और कोई विपक्ष में अपने अपने से जोरदार तरीके से दलीलें रख रहा है। कुछ लोग तो इस बारे में वकीलों से चर्चा भी कर आये है। कुछ कोर्ट जाने का मन भी बना आये है।एक ने सोशल मीडिया में लिखा कि….. साहूकार नही चाहते है कि शिक्षा कर्मियों का संविलियन हो इस लिए साहूकारो ने अपनी एक फ़ौज लगा रखी है। और साहूकारों के सिपाही भी वही है जो साहूकारों से बड़ी रकम ले चुके है और चुका नही पा रहे है।
रायपुर । छत्तीसगढ़ में कैबिनेट की बैठक में हुए शिक्षा कर्मीयो के संविलियन के निर्णय के बाद शिक्षा कर्मीयो का सोशल मीडिया प्लेटफार्म काफी एक्टिव हो गया है। प्रदेश में हुए संविलियन को लेकर सोशल मीडया में तर्क और कुतर्क का घमासान मचा हुआ है। कोई पक्ष और कोई विपक्ष में अपने अपने से जोरदार तरीके से दलीलें रख रहा है। कुछ लोग तो इस बारे में वकीलों से चर्चा भी कर आये है। कुछ कोर्ट जाने का मन भी बना आये है।एक ने सोशल मीडिया में लिखा कि….. साहूकार नही चाहते है कि शिक्षा कर्मियों का संविलियन हो इस लिए साहूकारो ने अपनी एक फ़ौज लगा रखी है। और साहूकारों के सिपाही भी वही है जो साहूकारों से बड़ी रकम ले चुके है और चुका नही पा रहे है।
एक अन्य शिक्षा कर्मी ने लिखा है कि …संविलियन के मसौदे (ड्राफ्ट) से अभी तो मात्र 8वर्ष वाली एक ही बिन्दु निकला इतने में ही इतना बड़ा विवाद जब ड्राफ्ट के सारे बिन्दु बाहर आ जायेंगे तो उसके बाद बहुत से फूफा, बुवा और मामी का रोल सोशल मीडिया में बढ़ जायेगा।
आठ वर्ष से कम के एक शिक्षक ने तो केकड़े का उदहारण दे दिया और लिखा …आज हमारे कुछ शिक्षा कर्मी साथी केकड़े जैसे है ये भूल गए है कि यदि अभी संविलियन का मुद्दा आपसी विरोध के कारण रुका तो लाभ किसी को नही मिलेगा सामने चुनाव है इस प्रक्रिया को सुलझाने तक आचार संहिता लग जायगी जिसके कारण हम अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा बात हो जायेगा।अभी इस समय संविलयन आदेश लागू होने दें,इसी में सबकी भलाई है जो आठ साल से कम है रास्ता खुल रहेगा तो ये उन्मीद तो रहेगा की आमुख दिनांक से मेरा भी संविलियन होगा ।नही तो पैर खिंचाई में जीवन भर पंचायत शिक्षक बने रहो ।जोश में होश मत खोवें,नही तो तब क्या पश्तावे जब चिड़िया चुक गयी खेत।जो विसं गति है उसके बारे में गहराई से मंथन जरूरी है।लेकिन रास्ता खुलने दो ।
संघ से जुड़े एक शिक्षक ने लिखा ….. संविलियन अपने साथ शासकीयकरण के बड़ी सौगात के अलावा और बड़े फायदे दे रहा है कि संविलियन होते ही प्राथमिक प्रधानपाठक के लगभग 20,000 पोस्ट जो 100%पदोन्नति से भरे जाएंगे, और जो UDT के वर्तमान रिक्त पद है उस पर पदोन्नति की कार्यवाही की जावेगी। इसमे अधिकांश पदोन्नति पात्र हमारे साथी लाभान्वित होंगे ।
संविलियन होते ही आपकी वरिष्ठता शून्य होगी ऐसा कहना केवल अफवाह मात्र है,..आपकी वरिष्ठता को सुरक्षित रखने के लिए ही शिक्षाविभाग में नया कैडर LB बनाया जा रहा है। 1जुलाई 18 से भले ही हम नियमित शिक्षक बनेंगे लेकिन हमारी पदोन्नति के मामले में हमारी वरिष्ठता हमारे प्रथम नियुक्ति को ही मानी जायेगी । अर्थात आपका संविलियन होते ही आप नियमित सहायक शिक्षक भी बनेंगे और PS HM तथा UDT पदोन्नति हेतु पात्र भी माने जाएंगे।
एक शिक्षक ने ईश्वर से मांगा वरदान
अगर कोई वरदान मांगने के लिए कहता तो हम संविलियन मांगते।पर जैसा समविलियन चहिये था वैसा नहीं मिला है। चार पहिया से तीन पहिये का हुआ संविलियन
एक शिक्षक ने पुराने नियमित शिक्षको का उदाहरण पेश किया और लिखा साथियों हमें पुराने नियमित शिक्षकों का इतिहास को गंभीरता से याद करना चाहिए, पहले उन्हें भी क्रमोन्नत का लाभ नही मिल रहा था । उन्होंने धैर्य रखा और संगठन ने इस पर सरकार के समक्ष तथ्यात्मक तरीके से अपना पक्ष रखा । उनकी जीत हुई और एक ही पद में बने रहने के बाद दो-दो क्रमोन्नत एक साथ लेकर उनके वेतनमान में इकट्ठा इजाफा हुआ।
एक ने मोर्चे पर भरोसा जाहिर किया और लिखा
क्रमोन्नत से प्रभावित चाहे वह किसी भी वर्ग का साथी हो क्रमोन्नत वेतनमान अभी नही तो।कुछ समय बाद जरूर मिलेगा। हमे शिक्षक मोर्चा पर पूरा भरोसा है और आप सभी को होना चाहिए . वर्ग 03 का वेतन विसंगति गंभीर समस्या है किंतु मोर्चा तन्मयता से समाधान हेतु प्रयासरत है बहकावे से सावधान रहें
एक शिक्षक को संविलियन मसौदा कैबिनट में ही अटके रहने का डर उन्होंने ने लिखा – हमारे वरिष्ठ शिक्षक पंचायत साथी जो 1998से संघर्षरत हैं काफी लम्बे समय तेईस वर्ष बाद संविलियन होने वाले हैं वर्तमान में इनके आयु कितना होगा ?इन्हें सीपीएफ की राशि कितना मिल सकता हैं?क्योंकि अब इनके पास सेवा अवधि बहूत कम हैं ।बहूत विचारणीय हैं ।हमें शासन का आदेश का स्वागत करते ससम्मान संविलियन के लिए तैयार हो जाना चाहिए ।क्योंकि विगत आठ वर्षों से प्र धान पाठक के पद से संविलियन का रास्ता खुला था उसे हम ही लोगों ने बंद कि ये है जिसकी खामियाजा भूगत चूके है कहीं ऐसा संविलियन में भी न हो।क्योंकि मप्र का हाल दैख रहे है।ऐसा नहीं हैं कि कैबिनेट में पारित हो गया तो मिलेगा, आदेश होगा तभी मिलेगा अन्यथा कैबिनेट में ही लटका रहेगा ।
एक ने लिखा इस बार के हड़ताल में कोई निलंबित बर्खास्त होता है तो वापसी चुनाव के बाद ही होगा या नही भी होगा।
जिनको अपनी नौकरी प्यारी है सोच लें, किसी भी प्रकार की कार्यवाही होने पर कोई साथ नहीं देगा।एक ने लिखा कि …आज मैं एक वकील से बात किया और उनको 08 वर्ष से ऊपर के शिक्षाकर्मियों के संविलियन की बात बताई तो उनका कहना था कि यदि आप लोग चाहेंगे तो स्टेय लग जाएगा क्योंकि शिक्षा के अधिकार कानून में लिखा गया है कि शिक्षक बनने के लिए TET पास करना अनिवार्य है इसके आधार पर स्टेय लग जाएगा।
वही सबसे ज्यादा वायरल होने वाले मेसेज है कि -सूत्रों से मिलीं जानकारी के अनुसार 10 जुलाई को राज्य कैबिनेट की बैठक आयोजित होने वाली है जिससे संविलियन को लेकर चर्चा होने वाली है जिसमे आपसी तालमेल न बैठा पाने के कारण संविलियन प्रस्ताव को कैबिनेट में निरस्त की जाने की योजना बन रही है तथा भविष्य में किसी भी प्रकार से शिक्षक आंदोलन होने पर कोई सुनवाई न करने की बात कही जा रही है।इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस भी होगी जिसमें सरकार अपनी संविलियन की बात जनता के सामने रखेगा और कहेगा कि हमने तो एक योजना कर तहत संविलियन की योजना बनाई और संविलियन की घोषणा की लेकिन इन लोगो की आपसी तालमेल न बन पाने के कारण हमने और हमारे मंत्री मंडल ने सर्व सम्मति से इसे निरस्त कर दिया और अब भविष्य में इस पर कोई बात और न ही चर्चा होगी।