रायपुर । नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेशाध्यक्ष विकास सिंह राजपूत व महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष उमा जाटव ने कहा है की प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन प्रदेश के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण अब प्रदेश के शिक्षाकर्मियों के बीच मजाक का विषय बन गया है और प्रदेश के शिक्षाकर्मी अब मजाक-मजाक मे 5 तारीख आते ही एक दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम लबरा दिवस का बधाई देना शुरू कर दिए हैं। यह व्यंगात्मक टिप्पणी भले है । लेकिन हकीकत से दूर भी नही है या सीधे शब्दो मे कहे तो सच के एकदम करीब है और इसका कारण है प्रदेश के मुख्यमंत्री का वो निर्देश जिसमे कहा गया है कि प्रदेश मे कार्यरत समस्त शिक्षाकर्मियों को प्रत्येक माह के पांच तारीख तक अनिवार्य रूप से वेतन का भुगतान किया जाय ।
विकास राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पांच तारीख तक वेतन भुगतान का निर्देश दिया गया है । लेकिन किसी भी माह पांच तारीख तक समय पर वेतन भुगतान समस्त शिक्षाकर्मियों को आज तक नही मिला है । हर महीने की तरह आज पांच मई हो जाने के बाद भी प्रदेश के हजारो शिक्षाकर्मी जो सर्व शिक्षा अभियान मद के अंतर्गत वेतन प्राप्त करते है । ऐसे शिक्षाकर्मियों को वेतन का भुगतान नही हुआ है और अधिकारियो से जानकारी लेने पर वित्त विभाग मे फाइल भेजने व एक दो दिनों मे आबंटन जारी होने की सम्भावना बताते है । पर वो एक दो दिन कब पन्द्रह बीस दिनों में परवर्तित हो जाता है पता ही नही चलता है ।
गिरीश साहू,दुष्यंत कुम्भकार,रूपेंद्र सिंह,अमितेश तिवारी,अभिनय शर्मा,अमित नामदेव,मनोज चन्द्रा,गंगा पासी,नन्दिनी देशमुख ने बताया है की सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत वेतन आबंटन की मांग को लेकर नवीन शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियो द्वारा लगातार अधिकारियो से सम्पर्क करने के बाद भी आबंटन नही होने से प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को भारी आर्थिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । ब्रिज नारायण मिश्र,प्रकाशचन्द कांगे,अजय कड़व,विकास लावत्रे,राजेश शुक्ला,अमिताभ सरकार,महेंद्र देवांगन ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश जारी करने के बाद भी समय सीमा पांच तारीख तक शिक्षाकर्मियों को वेतन भुगतान नही कर सकने वाले अधिकारियो के ऊपर मुख्यमंत्री को कड़ी कार्यवाही करना चाहिए । जिससे मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन अधिकारियो द्वारा समय सीमा के अंतर्गत करने बाध्य होना चाहिए ।