प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूलों को खुले तीन महीने पूरे हो गए है। विभाग की प्रयोगशाला में कैद नये प्रयोग की वजह या फिर तबादला सूची जारी करने में हो रही देरी की वजह से कही तिमाही परीक्षा को रोक के तो नही रखा गया है..? तिमाही परीक्षा पर शासन के स्पस्ट दिशा निर्देश का बड़ी बेसब्री से इतंज़ार हो रहा है।शिक्षको के तबादलो के विवाद में अब राज्य सरकार पूरी तरह घिरती हुई दिखाई देती है। तबादले के लिए क्या यह समय उपयुक्त है। क्या तबादले से पूरे प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर कोई।असर होगा ऐसे सवालो के जवाब में शिक्षा विभाग बच रहा है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप् ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
बेलतरा विधानसभा के विधायक रजनीश सिंह सीजी वाल को बताया कि प्रदेश में कितने प्रतिशत शिक्षाकर्मियों के स्थानान्तरण हुए हैं यह सरकार को भी नही पता है।स्थानान्तरण के नियमो की खुलेआम धज्जियां स्कूल शिक्षा विभाग उड़ा रहा है। क्या नीति …क्या नियम… क्या करे तय नही है। शिक्षको के स्थानान्तरण मामले पर नज़र है पूरी जानकारी जुटाने के बाद गड़बडियों के खिलाफ उचित स्थान पर आवाज उठाई जायेगी।
शिक्षकों के स्थानांतरण में हुई गलतियों की संशोधित स्थानांतरण सूची अब तक अटकी हुई है। उड़ती हुई खबरों की माने तो तीसरी स्थानांतरण सूची बन गई है इसे जल्द ही जारी करके कि तैयारी है।
हिन्दू धर्म कि मान्यताओं के अनुसार पितर पक्ष शुभ कार्य वर्जित माना जाता है। कई लोग यही मना रहे है कि स्थानान्तरण सूची पितर पक्ष में न आये वर्ना मजबूरन पद ग्रहण करना पड़ सकता है।
शिक्षक चर्चा में बताते है कि हम भी अब परेशान हो गए है। अंतर जिलों के शिक्षक जिन्हें स्थानान्तरण की आस है।अब उन्हे भी यह प्रक्रिया तनावपूर्ण लग रही है शिक्षक अब स्कूल के अलावा अपने खुद के बच्चों के स्कूल के लिये चिंतित हो गए है। उन्हें यह डर समाने लगा है कि दूसरे जिले में स्कुलो में एडमिशन मिलेगा या नही कही पढ़ाई को नुकसान तो नही होगा।