राजनांदगांव।शिक्षा विभाग अंतर्गत जिले में छुरिया विकासखंड अंतर्गत कार्यरत अनेक पति-पत्नी शासन को गुमराह कर अलग-अलग गृह भाड़ा भत्ता ले रहे है। जबकि एक ही विकासखंड में दोनों शासकीय कर्मचारी कार्यरत है। बताया जाता है कि इस खेल में दम्पतियों के साथ-साथ बाबूओं का भी पूरा योगदान रहता है। जानकारी होने के बावजूद बेखौफ यह कार्य किया जाता है। शासन के नियमानुसार यदि पति-पत्नी दोनों शासकीय सेवा में है, तो दोनों में से किसी एक को ही उक्त योजना का लाभ मिल सकता है।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए
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जबकि शासकीय निवास में रहने पर गृह भाड़ा नहीं दिया जाता है। हालांकि पति या पत्नी अलग-अलग शहर में पदस्थ हो तो दोनों को भत्ता मिल सकता है। छुरिया विकासखंड में कई कर्मचारी एेसे भी है, जिन्हें शासन से मकान भाड़ा भत्ता नहीं मिल रहा है।
इसकी शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कुछ दम्पती एक ही स्थान पर कार्यरत रहने की सूचना विभाग को देते है, लेकिन बाबूओं की मनमानी से हर माह शासन को चूना लगाया जा रहा है। इधर संगठन के पदाधिकारियों ने शासन से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। इधर विभाग के बड़े बाबू जानकारी नही होना बताया गया।
एक्सपर्ट व्यू – शासन के नियमानुसार
शासकीय संस्थाओं में एक ही ब्लॉक में कार्यरत दम्पती में किसी एक को ही मकान किराया भत्ता की पात्रता होती है। लेकिन इसके लिए दोनों का एक ही शहर में रहना आवश्यक है। यह भत्ता किराए अथवा स्वयं के मकान में रहने पर भी मिलता है। शहर की आबादी के आधार पर मकान किराया भत्ता तय होता है। जो कि कर्मचारी के बेसिक वेतन पर निर्धारित होता है।
फिलहाल मामले में मुझे जानकारी नहीं है। इस संबंध में समस्त शिक्षकों से जानकारी मांगी जाएगी तथा संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी।मुकेश सोनबोइर(बाबू) विकासखंड शिक्षा अधिकारी छुरिया, जिला-राजनांदगांव।