बिलासपुर— शौचालय निर्माण के सालों बीत जाने के बाद भी सरपंच और सचिव मिलिभगत कर ग्रामीणों को लागत मूल्य देने से आनाकानी कर रहे हैं। नाराज सिलतरा के ग्रामीणों ने आज कलेक्टर कार्यलाय पहुंचकर सरपंच और सचिव की सामुहिक शिकायत की है। सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्रामीणोंं ने बताया कि शौचालय निर्माण के बाद सरपंच और सचिव को 12 हजार रूपए भुगतान करना था। लेकिन दोनों ने सरकार के रूपयों को पचा लिया। जिसके चलते आज तक किसी भी व्यक्ति को शौचालक निर्माण की राशि नहीं मिली है।
तखतपुर जनपद पंचायत के सिलतरा ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर सरपंच और सचिव की शिकायत की है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत कर बताया कि सरपंच और सचिव ने मिलकर शौचालय की राशि को पचा लिया है। शौचालय निर्माण का काम ग्रामीणों ने शासन के आदेशानुसार निजी संपत्ति से किया है। शासन के आदेशानुसार अपने घर में शौचालय बनाने वालों को 12 हजार रूपए दिए जाएंगे। लेकिन आज तक रूपए नहीं मिले है।
ग्रामीणों ने सिटी मजिस्ट्रेट अवधराम टंण्डन को लिखित शिकायत में जानकारी दी कि साल 2014 से 2019 के बीच शौचालय निर्माण का काम ना केवल पूरा हुआ बल्कि लोगों ने उपयोग भी करना शुरू कर दिया है। बावजूद इसके अभी तक किसी भी शौचालय बनाने वाले लोगों को एक रूपए नहीं मिले है। रूपए की बात करने पर सरपंच और सचिव रटा रटाया जवाब देते हैं कि सरकार ने अभी तक पैसा नहीं भेजा है। इसलिए किसी को भुगतान नहीं किया गया।
ग्रामीणों ने यही भी बताया कि जब सरपंच और सचिव से कितने शौचालय बनाए जाने और शासन के आदेश की जानकारी मांगते हैं तो ना केवल जानकारी देने में आनाकानी करते हैं। बल्कि मारपीट करने की धमकी भी देते हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि सरपंच पति और सचिव दोनों ने मिलकर शौचालय की राशि को खा गए हैं। मामले में कई बार जनपद पंचायत तखतपुर और जिला पंचायत में शिकायत की। लेकिन दोनों के खिलाफ ना तो किसी प्रकार की कार्रवाई हुई। और ना ही राशि का भुगतान ही किया गया।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सरपंच और सचिव पुराने मित्र हैं। तात्कालीन सचिव इस हरदी गांव का प्रभारी है। लेकिन सरपंच नए सचिव को प्रभार देने से मना कर रहा है। जरूरी है कि सरपंच और पुराने सचिव के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही शौचालय निर्माण की राशि का भुगतान कराया जाए। मामले में जांच भी हो कि और सरपंच मिलकर पंचायत मूलभूत राशि में कितना घोटाला किया है।