बिलासपुर— केन्द्रीय श्रम संगठनों के संयुक्त आह्वान पर आज अखिल भारतीय राज्य सहकारी कर्मचारी महासंघ की अगुवाई में सभी 13 यूनियनों ने नेहरू चौक पर धरना प्रदर्शन किया। राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल यूनियनों ने बताया कि आर्थिक उदारीकरण निजीकरण की विनाशकारी सरकारी नीतियों के खिळाप देश का श्रमिक और कर्मचारी लगातार संघर्ष कर रहा है। देश की जनता,किसानों और मजदूरों ने कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका इस उम्मीद के साथ नई सरकार को बनाया कि मेहनतकशों के अच्छे दिन आएंगे। पिछले सवा साल से जो कुछ हो रहा है उससे सामान्य वर्ग बहुत दुखी है।
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हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि हम एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के माध्यम से जिला और राज्य प्रशासन का ध्यान अपनी मांग की ओर आकर्षित करना चाहते हैं। बावजूद इसके यदि उनकी मांगो पर ध्यान नहीं दिया गया तो सरकार को गंभीर परिणाम गंभीर भुगतने होंगे।
पत्रकारों के सामने अपनी बातों रखते हुए हडताली कर्मचारियों ने बताया कि संविदा और दैनिक वेतनभोगियों आकस्मिक निधि से वेतन पालने वाले कर्मचारियों को सरकार नियमित करे। राष्ट्रीय पेंशन योजना को सार्थक बनाकर पेंशन को सबके लिए लागू किया जाए। विभागों में रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। कर्मचारियों ने बताया कि नई सरकार उद्योगपतियों के सामने घुटना टेक दी है। हमारी मांग है कि उद्योगपतियों के हित में किए गए श्रम नियमों में संशोधन और सुधार हो। उन्होंने बताया कि सातवें वेतनमान पुनरीक्षण के लाभ को सभी राज्यों के लिए स्वीकार करते हुए छठवें वेतनआयोग की रिपोर्ट में छूटे लाभ को लागु किया जाए। यूनियन नेताओं ने बताया कि महंगाई पर लगाम लगाने के साथ ही श्रम कानूनों का पालन कड़ाई से किया जाए।
धरना प्रदर्शन के बाद हडताली कर्मचारी के नेताओं ने कलेक्टर से मिलकर अपनी मांगो को सामने रखा।