बिलासपुर–चर्चित पावर प्लांट पर हाईकोर्ट में सुनवाई गुरूवार होगी। हाईकोर्ट में प्रदेश के श्रम और पर्यावरण सचिव की तरफ से जवाब प्रस्तुत किया गया है। हाईकोर्ट ने जवाब से नाराजगी जाहिर की है। मामले को 15 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हाईकोर्ट ने आगामी सुनवाई में प्रदेश के श्रम और पर्यावरण सचिव को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के श्रम एवं पर्यावरण सचिव से पूछा था कि जितने भी पावर प्लांट हैं क्या उसमें काम करने वाले मजदूरों के इलाज के लिए सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल है या नहीं।
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने एपी हेल्थ एण्ड एसोसिएशन के विरूद्ध केंद्र सरकार के एक मामले में 31 जनवरी 2014 को जारी आदेश में देश के सभी हाईकोर्ट के मुख्यन्यायाधीशों को जहां-जहां पावर प्लांट स्थापित है,वहां मजदूरों के इलाज के लिए प्लांट के 5 किमी के दायरे में सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल है या नहीं संज्ञान लेने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश की कापी को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को उपलब्ध कराने का निर्देश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परिपालन में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 27 सितंबर 2016 को प्रदेश के श्रम सचिव एवं पर्यावरण सचिव को शपथ पत्र के साथ बताने का निर्देश जारी किया था कि प्रदेश में कहां कहां पावर प्लांट है। पावर प्लांटों के पास मजदूरों के इलाज के लिए सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल है या नहीं।
मामले में कोर्ट की मदद के लिए अधिवक्ता संजय अग्रवाल को न्यायमित्र नियुक्त किया गया है।