बिलासपुर—यदुनंदन नगर तिफरा स्थित कांग्रेस जिला ग्रामीण अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला के निवास पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन रूक्मणी विवाद का वर्णन किया। व्यास पीठ से पीठाधीश्वर प्रपन्नाचार्य ने बताया कि भागवत इतिहास प्रधान नही बल्कि भाव प्रधान ग्रंथ है। जब भी भक्त ने भगवान को भाव से याद किया उसे ईश्वर का सानिध्य जरूर मिला है।
व्यास पीठ से राजगुरू प्रपन्नाचार्य ने बताया कि शारीरिक और सांसारिक विकारों को दूर करने के लिए श्रीमद्भागवत की कथा सबसे प्रभावशाली औषधि है। श्रीमद् भागवत का गंगा रूपी जल जीव के समस्त कालिख को दूर कर देता है। श्रीमद्भगवत कथा के सुनने से मन शांत और निर्मल हो जाता है। पीठाधीश्वर ने उपस्थित भक्तों को बताया कि विद्या और अविद्या भगवान् की दो माया हैं। विद्या भगवान से जोड़ती है। अविद्या जीव को भगवान से दूर करती है।
चित्रकूट से पधारे महाराज ने कहा कि विद्या का जानना जरुरी है। वेद के रास्त पर चलकर जीव मोक्ष प्राप्त कर सकता है। ज्ञान और कर्म की जड़ता भगवान् की प्राप्ति में बाधक है। गुरु जी ने कहा कि जीवन की सबसे आनंदमयी लीला भगवान की माखन चोरी लीला है। उन्होने माखनचोर नन्दकिशोर के लीलाओं का वर्णन कर सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया।
गुरू जी ने कहा कि भगवान ने पाप को ही मोक्ष दे दिया। कथा के प्रसंग के बीच एकादशी व्रत के महत्व पर भी पीठाधीश्वर ने प्रकाश डाला। गुरु जी ने बताया कि एकादशी व्रत सभी को करना चाहिए। कटरा के प्रसंग में पूज स्वामी ने रास पंचाध्यायी की सुन्दर झांकी प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को भगवान की रासलीला का दर्शन कराया। पूज्य स्वामी जी ने बताया कि रास पंचाध्यायी श्रीमद भागवत महापुराण के पांच महापुराण है। उन्होने अपने मधुर वाणी में गोपी गीत की सुन्दर झांकी प्रस्तुत कर भक्तों का मन मोह लिया। दसम स्कन्द की कथाओं का रसपान कराते हुए पीठाधीश्वर ने रूखमणी विवाह का सुन्दर प्रसंग भी सुनाया।
कथा सुनने पहुंचे भाजपा और कांग्रेस के नेता
जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला के आवास पर भागवत ज्ञान गंगा में गोता लगाने भाजपा और कांग्रेस के नेता पहुंचे। पीठाधीश्वर के मुख से सभी लोगों ने रूक्मणी विवाद वर्णन का आनंद लिया। कांग्रेस नेता रामशरण यादव,महेश दुबे,सासंद लखन लाल साहू,विधायक सियाराम कौशिक,राजेन्द्र साहू,अंजू दिवाकर दुंबे,कांग्रेस संभागीय प्रवक्ता अभयनारायण राय,शिवलाल कौशिक,रंजीत सिंह खनुजा,सतनाम सिंह खनुजा,प्रमोद नायक ने भी कथा ज्ञान गंगा का जमकर रसपान किया।