संगम में विसर्जित होंगी बिंदेश्वरी देवी की अस्थियां, प्रयागराज जाएंगे CM भूपेश बघेल और परिजन, कुर्मी समाज की रीति से हो रहे सभी कार्यक्रम

Shri Mi
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दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की माता स्वर्गीय विन्देश्वरी बघेल के अस्थि कलश के संगम में विसर्जन के लिए उनके परिजन आज प्रयागराज रवाना होंगे। स्वर्गीय विन्देश्वरी बघेल के भाई इंद्रजीत बघेल एवं भांजे राजेश बघेल अस्थि कलश लेकर प्रयागराज जाएंगे। उनके साथ पंडित परमन तिवारी एवं विजय पांडे भी होंगे। उधर मुख्यमंत्री निवास में कुर्मी समाज में अंतिम संस्कार के पश्चात की रीतियों के मुताबिक कार्यक्रम किये जा रहे हैं। कुर्मी समाज की परंपरा के मुताबिक मुखाग्नि देने वाले को बेटी पहले पानी देती है। फिर दूध देती है। पहले दिन नीम का दातून दिया जाता है। फिर बबूल का दातून दिया जाता है। परंपरा के अनुरूप मुख्यमंत्री हर दिन घाट के लिए जल का विसर्जन कर रहे हैं तथा वे परिवार के सदस्य भोजन ग्रहण करने के पहले घर के बाहर दरवाजे पर पत्तल में पका हुआ सादा भोजन रख रहे हैं ताकि गाय, कौए, कुत्ते आदि इन्हें ग्रहण कर सकें। घर में पूजा करा रहे पंडित ने बताया कि कुर्मी समाज में प्रचलित रीति के अनुसार सारे संस्कार किए जा रहे हैं। तीसरे दिन स्वर्गीय श्रीमती बघेल की अस्थियों का संचय किया गया।सीजीवाल डॉटकॉम के व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

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अस्थियों को पीपल वृक्ष में काले घड़े में बांधा गया। अस्थियां विसर्जन के लिए जब ले जाई जाएंगी तो परंपरा के अनुरूप इनमें 365 बार जल विसर्जित किया जाएगा। दसवें दिन पिंडदान होगा। स्नान उपरांत शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी होगी। इसके पश्चात शांति भोज का आयोजन होगा।

शांति भोज का आयोजन 17 जुलाई को भिलाई 3 स्थित मंगल भवन के सामने मैदान में आयोजित किया गया है। इस दिन तालाब का कार्यक्रम भी दोपहर एक बजे होगा। उल्लेखनीय है कि कुर्मी समाज में परंपरा के मुताबिक अंतिम संस्कार के पश्चात हर दिन घाट में जल विसर्जन की परंपरा होती है। महिलाओं एवं पुरुषों के लिए घाट में अलग-अलग व्यवस्था होती है। इसके अनुरूप हर दिन जल विसर्जन किया जाता है। स्नान के पश्चात जौ तिल के साथ पांच बार जल अर्पित किया जाता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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