रायपुर— अजीत जोगी ने कहा है कि संत पवन दिवान के उत्तराधिकारी मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है। मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता। लेकिन व्यक्तिगत रूप से चाहता हूं कि उनका उत्तराधिकारी कोई ऐसा व्यक्ति बने जो ठाई करोड़ जनता की स्वाभिमान और अस्मिता का पर्याय बने।
अजीत जोगी ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि संत और कवि स्वर्गीय पवन दीवान छत्तीसगढ़ की अस्मिता के पर्याय थे। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में उनकी अग्रणी भूमिका थी। छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रवचन देकर उन्होने प्रदेश का देश और विदेश में सम्मान बढाया है। कथा वाचन करके उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा को ऊंचा स्थान दिया है। उनकी कवितायें और साहित्य छत्तीसगढ़वासियों के लिये गर्व का अनुभव कराते हैं।
जोगी ने कहा है कि आश्रम और सम्पत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। चूकिं मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है इललिए प्रकरण में मुझे कुछ नहीं कहना है। व्यक्तिगत रूप से उत्तराधिकार के विषय में अपनी राय नहीं देना चाहता। लेकिन सभी पक्षकारों से निवेदन करता हूं कि उनका उत्तराधिकारी ऐसा व्यक्ति होना चाहिये जो उनके ही समान छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ निवासियों के स्वाभिमान और अस्मिता का प्रतीक हो।
जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को दी गई धरोहर-विरासत अक्षुण्ण बनी रहे इसलिये भी उनका उत्तराधिकारी उनकी ही तरह होना चाहिये। छत्तीसगढ़ में बुद्धिजीवियों और संतों की कमी नहीं है। सभी संबंधित पक्षकारों से मैं यह भी निवेदन करना चाहता हूं कि उनका उत्तराधिकारी इन्हीं में से चुना जाय। पक्षकार न्यायालय के सामने भावनाओं को ध्यान में रखें।