संभागायुक्त ने कहा चतुर्वेदी पर गर्व..शैलेष ने किया नमन्

BHASKAR MISHRA
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IMG_20160227_120415बिलासपुर– प्रदेश के जाने माने साहित्यकार और चिंतक वरिष्ठ पत्रकार, राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष श्यामलाल चतुर्वेदी के जीवन पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। सीएमडी महाविद्यालय में आयोजित छत्तीसगढ़ के रखवार डॉक्यूमेन्ट्री फिल्म का विमोचन मुख्य अतिथि संभागायुक्त सोनमणि, सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुल सचिव शैलेश पाण्डेय समेत बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष शशिकांत कोन्हेर,राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय,क्रेडाई बिलासपुर के अध्यक्ष एस.पी.चतुर्वेदी ने विमोचन किया। सभी अतिथियों ने समारोह की जमकर तारीफ की। पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी को बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश का गौरव बताया।

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                                                   कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संभागायुक्त सोनमणि वोरा ने कहा कि मै बिलासपुर और पंडित श्यामलाल का सानिध्य पाकर हमेशा गर्व महसूस किया है। मुझे अपनी कर्मस्थली और वरिष्ठ पत्रकार चतुर्वेदी पर गर्व है। यहां की लोककला,संस्कृति,साहित्य और व्यक्तियों में अपनापन है। मुझे नाज है कि यहां के लोगों ने अपने दिल में मुझे भी थोड़ा बहुत स्थान दिया है। डाक्यूमेन्ट्री विमोचन के बाद अपने संबोधन में संभागायुक्त ने कहा कि पंडित जी ने अपने जीवन में तमाम मिथकों को तोड़ा है। जो ऐसा करता है इतिहास उसे हमेशा याद रखता है। राजभाषा आयोग के पहले अध्यक्ष श्यामलाल जी ने अपने जीवन की रेखा को ना केवल लंबा किया है बल्कि सार्थक कामों की रेखा को उससे भी कहीं ज्यादा लम्बी खींच दिया है। उन्होने कहा कि मैने पढ़ा है कि बड़े पौधों के नीचे ठंडक तो मिल सकती है लेकिन नव पादपों को सर्वाइव करने का अवसर नहीं मिलता । लेकिन श्यामलाल जी ऐसे बरगद हैं जिनकी छाया में रहते हुए बिलासपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश की तमाम हस्तियों ने नया मुकाम बनाया है।Documentary_2 यहां भी श्यामलाल जी ने मिथक को तोड़ा है। वोरा ने कहा कि जन्मशताब्दी उनके बीच में ही मनाएंगें मुझे पूरा विश्वास है। उन्होने इस मौके पर चार ऋण का भी जिक्र किया।

                संभागायुक्त ने कहा कि नदी नारी संस्कृति का हमारे जीवन में विशेष स्थान है। भाषाएं नदी की तरह होती है। इसमें अनेक संस्कृतियों का  समावेश होता है।  प्रादेशिक भाषाओं और कला संस्कृति की अपनी एक विशुद्ध पहचान होती है। छत्तीसगढ़ी भाषा,संस्कृति और साहित्य की भी अपनी  अलग पहचान है। इस पहचान को बनाए रखने में पंडित श्यामलाल की भूमिका सर्वोपरि है। डाक्यूमेन्ट्री फिल्म आने वाले समय में धरोहर साबित होगी। हमारा प्रयास होगा कि स्थानीय विधायक,विद्वतजनों से मिलकर पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी जी के सम्मान में भव्य कार्यक्रम करने का प्रयास करें।

                                  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीवी रमन विश्वविद्यालय के कुल सचिव शैलेश पाण्डेय ने कहा कि मै बिलासपुर की माटी के साथ पंडित श्यामलाल के योगदान को नमन् और वंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि वे जब भी श्यामलाल जी मिले उनका मुस्कुराता चेहरा,मीठी जुबान और खरापन ने सम्मोहित किया है। उनसे हमेशा आगे बढ़ने की शक्ति मिली है। बिलासपुर से मेरा नाता पिछले 16 साल से है। लेकिन ऐसा लगता है कि मेरा इस धरती से जन्म जन्म का रिश्ता है। पाण्डेय ने कहा कि यदि पंडित श्याम लाल जी का आदेश मिला तो वे रमन विश्वविद्यालय कमोडिटी रेडियों से उनके जीवन पर आधारित 21 एपिसोड का एक कार्यक्रम चलाएंगे। कार्यक्रम से  देश,प्रदेश और समाज के प्रत्येक वर्ग को उनके योगदान से परिचित होने का अवसर मिलेगा। documentary_3लोगों को अहसास होगा कि छत्तीसगढ़ की माटी में जन्म लिया महान साहित्यकार,लोक कला संस्कृति का संवाहक,पत्रकार, पंडित श्यामलाल हमारे जीवन में क्या मायने रखते हैं।

                           उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष शशिकांत कोन्हेर ने कहा कि हमे नाज है कि हमें पत्रकारिता के प्रारंभिक काल में पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी का आशीर्वाद हासिल हुआ। आज हम यदि यहां है तो इसमें चतुर्वेदी जी का योगदान अहम है। शशिकांत ने कहा कि आज भी युवा पीढी को उनका आशीर्वाद मिल रहा है। उन्होंने बताया कि खाल्हेराज राज की मिट्टी हमेशा सद्भभावना का संदेश देती है। उसका सबसे बड़ा उदाहरण पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी है।

            क्रेडाई अध्यक्ष एसपी चतुर्वेदी ने कहा कि हमें गर्व है कि आज मंच पर श्यामलाल के सानिध्य का अवसर मिला। इस अवसर को मैं अपने जीवन में हमेशा याद रखना चाहूंगा। उनके विराट व्यक्तित्व ने समाज को बहुत कुछ दिया है। हम उनके दीर्घ आयु की कामना करते हैं।

     harshita_pandey_talkराज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने बताया कि पिता मनहरण लाल पाण्डेय से पंडित से घनिष्ठ मित्रता थी। इसके चलते मुझे हमेशा श्यामलाल जी का आशीर्वाद मिला। उन्होने हमेशा मुझे प्रोत्साहित किया है। उनके प्रोत्साहन और आशीर्वाद से आज मुझे नई दिशा मिली है। मुझे गर्व है कि उनके जीवन पर बनी छत्तीसगढ़ के रखवार विमोचन समारोह में शामिल होने का अवसर मिला।

                     कार्यक्रम का संचालन सीजी वाल के मुख्य संपादक और वरिष्ठ पत्रकार रूद्र अवस्थी ने किया। रूद्र अवस्थी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रखवार में वैभव शिव पाण्डेय,विशाल झा,लक्ष्मी नारायण विश्वकर्मा,अविनाश पटेल,सुमित शर्मा की भूमिका अहम है। इन्होने सीमित संसाधनों में जो काम किया है उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

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