बिलासपुर—बच्चों को शिक्षा के साथ बौद्धिक, आत्मिक और मानसिक विकास के लिए अच्छा माहौल दें। चरित्र निर्माण के साथ व्यक्तित्व विकास हो सकें। जरूरी है कि पालक रोजमर्रा की जिन्दगी से समय निकालकर बच्चों में खर्च करें। आज का युग प्रतियोगिता का है उस उम्र में बच्चों में कई तरह की भावनाएं आती है। उन भावनाओं को सम्मान और समय मिलना चाहिए। यह बातें संभागायुक्त सोनमणि बोरा ने एक निजी शैक्षणिक संस्थान में पालकों के सम्मान समारोह में कहीं।
संभागायुक्त बोरा ने कहा कि हम बच्चों को जितना भी समय देते हैं,कम है। आज का युग प्रतियोगिता का है। पालकों को चाहिए कि वे रोजमर्रा के जीवन के साथ बच्चों के लिए भी समय निकालना होगा। स्कूल की सराहना करते हुए संभागायुक्त ने कहा कि यह अच्छी परम्परा है, जहां बच्चों के साथ पालकों का भी सम्मान किया जा रहा है।पालकों और शिक्षकों पर यह निर्भर करता है कि बच्चे क्या और कैसे सीखेंगें। बच्चों को आत्मविश्वास के साथ बौद्धिक रूप से ताकतवर बनाने की जरूरत है। जिससे वे आज की चुनौतियों का सामना कर सकें।
संभागायुक्त ने कहा कि स्कूली जीवन तपस्या है। बच्चों के रोल मॉडल बदल गये है। इंटरनेट युग में बच्चें क्या सीखना पढ़ना चाहते है। इसे समझने की जरूरत है। पालकों को बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देना होगा।
पाण्डेय ने बताया बच्चे सबसे बड़े शिक्षक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सी.वी. रमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डे ने कहा कि अभिभावकों को बच्चे योग्य और ज्ञान को पैनी करने का अवसर देते हैं। बच्चों के साथ अभिभावकों का भूले विसरे ज्ञान का परिमार्जन होता है। तात्कालीन देश दुनिया,प्रयोग और घटनाक्रम से जुड़ने का अवसर मिलता है। उन्होने कहा कि बच्चे निश्चल भाव के छात्र होने के साथ साथ शिक्षक भी होते हैं। उनमें अपना बचपना के साथ जीवन में आने वाली अधूरे पन को सुधारने का अवसर मिलता है। मेरा मानना है कि जो लक्ष्य को आपने समाज और जनहित में अधूरा छोड़ दिया। उसे पूरा करने का अवसर अभिभावकों को बच्चे ही देते हैं। लेकिन अपने अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए बच्चों की प्रतिभा और सम्मान को कभी नजरअंदाज नहीं किया जाए। बच्चे हमारी गलतियों को सुधारने का सबसे सशक्त जरिया है। इससे हम अपने देश और समाज का भी कल्याण करते हैं। पाण्डेय ने अभिभावकों को सम्मान कार्यक्रम की जमकर तारीफ की।
बच्चे काबिल बनें
मरवाही विधायक अमित जोगी ने कहा कि स्कूल में बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। बच्चे खूब पढ़ें, सक्षम बनें और जीवन में कुछ खास बनें। उन्होंने कहा कि केवल खुद आगे बढ़ जाना महत्वपूर्ण नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी कुछ करते हुए आगे बढंना महत्वपूर्ण है। जोगी ने कहा कि प्रकृति अपने लिए भी कुछ नहीं करती, नदियां अपना पानी नहीं पीती, सूरज खुद रोशनी नहीं लेता, यह सब दूसरों को हमेशा से देते हैं। आप इतना सक्षम बनें कि दूसरों को भी कुछ दें सके। इस अवसर पर मस्तुरी विधायक दिलीप लहरिया ने भी सम्बोधित किया।
सुरेन्द्र सिंह चावला ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में मोटीवेटर डॉ. अजय शेष को शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। समारोह में स्कूली बच्चों को अतिथियों ने पुरूस्कार वितरण किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया।