संसद भवन पुरूद्धार पर खर्च होंगे 20 हजार करोड़…कांग्रेस नेता ने जताई चिंता..वेंटिलेटर को जूझ रहा देश.. सरकार करे तुगलकी फैसले पर विचार

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—-वैश्विक कोरोना महामारी के बीच संसद भवन पुनरुद्धार योजना को हरी झंडी दिए जाने पर कांग्रेस लीगल प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संदीप दुबे ने निंदा की है। संदीप दुबे ने  प्रेस नोट जारी कर बताया कि फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश महामारी की भयंकर चपेट में है। जबकि इस समय स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किए जाने की जरूरत है। 
 
                 छत्तीसगढ़  प्रदेश कांग्रेस विधी  विभाग  अध्यक्ष  संदीप  दुबे  और  विधी  विभाग प्रदेश प्रवक्ता सुशोभित सिंह ने सन्युक्त वक्तव्य जारी कर केन्द्र सरकार के संसद पुनरूद्धार योजना की निंदा है। दोनों नेताओं ने बताया इस समय देश महामारी की भयंकर चपेट में है। बावजूद इसके केन्द्र सरकार ने करोड़ों की योजना को हरी झण्डी दिखाया है। जबकि इस समय हालाता ऐसे नहीं है कि करोड़ों रूपए पुनरूद्धार पर खर्च किए जा सकें। 
 
                कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरे विश्व को कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। भारत का एक एक नागरिक करोना के भय कांप रहा है। जबकि देश में चिकित्सा साधनों की भयंकर  कमी है। रसद को लेकर भी संघर्ष करना पड़ रहा है। लाखो लोग बेरोजगारी  की चपेट मे है। देश  मे वित्तिय आपतकाल की स्थिति बनती नजर आ रही है। खुद प्रधानमंत्री ने भी वित्तीय हालात से निपटलने के लिए देशवासियो से मुक्त हस्त दान की अपील की है। बावजूद इसके केन्द्र सरकार ने संसद भवन पुनरूद्धार योजना को हरी झण्डी दिखाकर देश को लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 
 
                दोनों नेताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार  ने संसद भवन ,केन्द्रीय सचिवालाय,इन्डिया गेट ,राष्ट्रपति भवन ,नार्थ  ब्लाक ,साउथ ब्लाक के पुनरुद्धार योजना को स्वीकृती देकर तुगलकी फैसला किया है। सबको जानकारी है कि राष्ट्रीय राजधानी का पूरा क्षेत्र विश्व धरोहर की सूची में शामिल है। इसका निर्माण 100 वर्ष पूर्व हुआ था। इस क्षेत्र की इमारतों पर आज  तक  भूकम्प का भी असर  नही हुआ है।
 
          दुबे ने बतयाा कि केन्द्र सरकार की महत्त्वकांक्षी परियोजना 80 एकड  क्षेत्रफल मे फैला है। निर्माण पर  लगभग  बीस  हजार करोड व्यय होंगे। परियोजना का नाम सेंटरल विस्ता परियोजना है। केन्द्र सरकार ने योजना को लेकर ग्लोबल टेन्डर बुलाया है। परियोजना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन अधिसूचना का प्रकाशन 20 मार्च  2020 को राजपत्र मे किया गया है। प्रदेश कांग्रेस विधी विभाग के नेताओं ने परियोजना की निन्दा करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में  परियोजना फिजूल खर्ची है। योजना को रद्द कर देश के स्वास्थ्य और व्यवस्था पर खर्च किया जाना चाहिए। यह जानते हुए भी कि कोरोना महामारी के बीच आज रहमें वेंटीलेटर की कमी से जूझना पड़ रहा है।

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